जिन वाम विचारकों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई वो UPA सरकार की नक्सल समर्थकों की सूचि में भी थे

बता दें कि जिन लोगों को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है, उनमें कई नक्सलियों के साथ संबंध के आरोप में पहले भी जेल जा चुके हैं. वहीं गिरफ्तारी के बाद सवाल उठने पर केंद्र सरकार ने राज्य सराकारों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था

File Photo/Credit IANS

नई दिल्ली. महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में मंगलवार को देश के अलग-अलग शहरों से हुई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व कथित नक्सल समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं. लेकिन 128 से अधिक ऐसे संगठन हैं जिनके खिलाफ सरकार ने कर्रवाई की है उनकी पहचान साल 2012 में यूपीए सरकार ने की थी. जो मानवाधिकार व दूसरे गतिविधियों की आड़ में नक्सली हिंसा को बढ़ावा देने में जुटे थे.

बता दें कि जिन लोगों को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें कई नक्सलियों के साथ संबंध के आरोप में पहले भी जेल जा चुके हैं. वहीं गिरफ्तारी के बाद सवाल उठने पर केंद्र सरकार ने राज्य सराकारों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. जिनका नाम यूपीए सरकार की लिस्ट में शामिल था.

गौरतलब हो कि भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में जून से लेकर अब तक जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे से सात इन्हीं संगठनों से संबंधित हैं. इनमें वरवर राव, सुधा भारद्वाज, सुरेंद्र गाडलिंग, रोना विल्सन, अरुण फरेरा, वरनोन गोंजाल्विस और महेश राऊत शामिल हैं. पुलिस द्वारा मुंबई, पुणे, गोवा, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 10 जगहों पर छापे मारे गए थे.

मोदी की हत्या को लेकर लिखा पत्र

बता दें कि पुणे पुलिस ने जून में कथित तौर पर पांच लोगों में से एक व्यक्ति के घर से मोदी की हत्या की साजिश के उल्लेख वाला एक पत्र बरामद किया था. इन पांचों लोगों को भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था. बरामद पत्र में कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर करने की बात कही गई थी. इस पत्र को लिखने वाले व्यक्ति की पहचान सिर्फ 'आर' के रूप में की गई.

इसमें साजिश को अंजाम देने के लिए एक एम-4 राइफल व चार लाख चक्र कारतूस खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत का जिक्र किया गया था. कहा जा रहा है कि इस पत्र में वरवर राव का नाम धन का इंतजाम करने वाले के रूप में शामिल है. यह पत्र नक्सल नेता प्रकाश को संबोधित था और इसे मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन के पास से बरामद किया गया था, जब उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था.

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