नई दिल्ली: जातिगत जनगणना की मांग को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. इस बीच ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन (BAMCEF) ने 25 मई (बुधवार) को भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया है. ये भारत बंद केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी जातियों की गणना न कराने के खिलाफ किया जा रहा है. सामाजिक संगठन इस बंद के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत बंद को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर जोरशोर से अभियान चलाया जार हा है.
उत्तर प्रदेश में बहुजन मुक्ति पार्टी (बीएमपी) के सहारनपुर जिलाध्यक्ष नीरज धीमान ने कहा कि फेडरेशन जाति आधारित जनगणना के अलावा ईवीएम से चुनाव नहीं कराए जाने की भी मांग कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी एससी, एसटी, ओबीसी (OBC) आधारित आरक्षण होना चाहिए. BAMCEF द्वारा बुलाए गए देशव्यापी बंद को बहुजन मुक्ति पार्टी, बहुजन क्रांति मोर्चा ने भी अपना समर्थन दिया है.
मांगों में किसानों को एमएसपी की गारंटी देना और सीएए एवं एनआरसी को लागू न करने की मांग शामिल है. इसके अलावा फिर से पुरानी पेंशन स्कीम, ओडिशा और मध्य प्रदेश में भी पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने की भी मांग की जा रही है. आदिवासियों के संरक्षण, कोरोना टीकाकरण को वैकल्पिक करने और लेबर लॉ को मजबूत करने की मांग भी उठाई जा रही है.
कहां पड़ सकता है असर
इस बंद का असर यूपी- बिहार में दिख सकता है. इसका असर दुकानों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर हो सकता है, जिसकी वजह से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. भारत बंद बुलाने वाले लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दुकानदारों से अपील की है कि वे अपनी दुकानों को बुधवार को बंद रखें. लोगों से इस बंद को सफल बनाने की भी अपील की गई है.