Maharashtra: 'खूबसूरत लड़कियां किसानों के बेटों से शादी नहीं करतीं': विधायक का विवादित बयान

महाराष्ट्र के वरुड़-मोर्शी से निर्दलीय विधायक देवेंद्र भुयार ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जो अब विवाद का विषय बन गया है. बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान भुयार ने कहा कि "खूबसूरत लड़कियां किसानों के बेटों से शादी नहीं करतीं," क्योंकि वे उन पुरुषों को पसंद करती हैं जिनके पास स्थिर नौकरी होती है.

Devendra Bhuyar | Facebook

मुंबई: महाराष्ट्र के वरुड़-मोर्शी से निर्दलीय विधायक देवेंद्र भुयार (Devendra Bhuyar) ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जो अब विवाद का विषय बन गया है. बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान भुयार ने कहा कि "खूबसूरत लड़कियां किसानों के बेटों से शादी नहीं करतीं," क्योंकि वे उन पुरुषों को पसंद करती हैं जिनके पास स्थिर नौकरी होती है. भुयार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का समर्थन करते हैं और यह बयान उन्होंने अपने क्षेत्र वरुड़ तहसील में किसानों की समस्याओं पर बोलते हुए दिया.

भुयार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "मेरे और आपके जैसे व्यक्ति से खूबसूरत लड़की शादी नहीं करेगी." उन्होंने दावा किया कि ऐसी लड़कियां एक ऐसे पति को चुनती हैं जिसके पास नौकरी हो. उन्होंने यह भी कहा कि जो लड़कियां 'दूसरे दर्जे' की होती हैं, वे किराना या पान की दुकान चलाने वाले व्यक्ति से शादी करती हैं, जबकि 'तीसरे दर्जे' की महिलाएं किसानों के बेटों से शादी करती हैं.

विधायक के अनुसार, "अगर लड़की खूबसूरत होती है, तो वह मेरे और आपके जैसे व्यक्ति को पसंद नहीं करेगी, बल्कि नौकरी करने वाले व्यक्ति को चुन लेगी. दूसरी श्रेणी की लड़कियां पान की दुकान या किराना स्टोर वाले से शादी करती हैं, और तीसरी श्रेणी की लड़कियां किसानों के बेटों से शादी करती हैं."

बयान पर विवाद

इस बयान के बाद समाज के कई वर्गों से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं. कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने भुयार के इस बयान की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, "अजित पवार और सत्ता में बैठे लोगों को अपने विधायकों पर नियंत्रण रखना चाहिए. इस तरह की महिलाओं के प्रति अपमानजनक भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. समाज इसका कड़ा जवाब देगा."

इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है, और यह सवाल उठने लगा है कि क्या समाज में महिलाओं और किसानों के प्रति ऐसे विचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है. समाज को आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि हम ऐसी मानसिकताओं को चुनौती दें और सबके प्रति समान आदर और सम्मान की भावना रखें.

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