Bangladesh Violence: बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच फिर भड़की हिंसा, भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी के साथ ही इमरजेंसी नंबर भी जारी किए

बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने रविवार को एक एडवाइजरी जारी कर देश में रहने वाले भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया.

Bangladesh Violence- ANI

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने रविवार को एक एडवाइजरी जारी कर देश में रहने वाले भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया. उधर, सिलहट में छात्रों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन फिर से शुरू हो गया है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि झड़प के बीच प्रदर्शनकारियों में से एक को गोली लग गई और उसे अस्पताल ले जाया गया.

भारतीय सहायक उच्चायोग (एएचसीआई) ने एक्स पोस्ट में कहा, "भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र सिलहट में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से इस कार्यालय के संपर्क में रहने का अनुरोध किया जाता है और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. आपात स्थिति के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 8801958383679, 8801958383680, 8801937400591  भी साझा किया गया. यह भी पढ़े: Bangladesh Violence: बांग्लादेश में फिर बढ़ा तनाव, छात्र नेताओं ने वार्ता का PM शेख हसीना का न्योता ठुकराया

भारत सरकार मदद को लेकर इमरजेंसी नंबर जारी किए:

एएचसीआई सिलहट में भारत सरकार का एक प्रतिनिधि कार्यालय है। जो अपने कांसुलर क्षेत्राधिकार (सिलहट, मौलवीबाजार, सुनामगंज, हबीगंज, किशोरगंज और नेटोरोकोना जिलों) में वीजा जारी करने और भारतीय नागरिकों के कल्याण और द्विपक्षीय व्यापार के लिए जिम्मेदार है.एएचसीआई भारतीय उच्चायोग, ढाका की सामान्य देखरेख में कार्य करता है.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा आरक्षण कोटा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सुबह लगभग 11 बजे सिलहट के कोर्ट पॉइंट क्षेत्र के आसपास इकट्ठा होने के बाद यह एडवाइजरी जारी की गई है.

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और साउंड ग्रेनेड दागे, इससे छात्रों और कर्मियों के बीच झड़प हो गई.पुलिस ने अभी तक घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है.देश में उच्च बेरोजगारी दर से नाराज बांग्लादेश के छात्र 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण कोटा को रद्द करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

एक बड़े छात्र आंदोलन के बाद 2018 में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली को खत्म कर दिया गया था, लेकिन इस साल जून में एक अदालत ने इसे फिर बहाल कर दिया.

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