अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट से तय होगी सुनवाई की रूपरेखा
सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को अयोध्या जमीन विवाद मामले में मध्यस्थता कमेटी की प्रगति रिपोर्ट पेश होगी. धान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 जुलाई को इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद यह तय होगा कि 25 जुलाई से विवादित भूमि मामले की रोजाना सुनवाई होगी या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को अयोध्या जमीन विवाद मामले में मध्यस्थता कमेटी की प्रगति रिपोर्ट पेश होगी. धान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 जुलाई को इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद यह तय होगा कि 25 जुलाई से विवादित भूमि मामले की रोजाना सुनवाई होगी या नहीं. अदालत ने मध्यस्थता का जो रास्ता निकाला था उसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि वह काम नहीं कर रहा है. जिसके बाद यह सुनवाई रखी गई थी.
बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मध्यस्थता के लिये बनाई गयी इस समिति का कार्यकाल 10 मई को 15 अगस्त तक के लिये बढ़ा दिया था ताकि वह अपनी कार्यवाही पूरी कर सके. पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि यदि मध्यस्थता करने वाले परिणामों के बारे में आशान्वित हैं और 15 अगस्त तक का समय चाहते हैं तो समय देने में क्या नुकसान है? यह मुद्दा सालों से लंबित है. इसके लिये हमें समय क्यों नहीं देना चाहिए?
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मध्यस्थता समिति का गठन
मध्यस्थता के लिये गठित समिति में न्यायमूर्ति कलीफुल्ला के अलावा अध्यात्मिक गुरू और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर तथा जाने माने मध्यस्थता विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू को इसका सदस्य बनाया गया था. शीर्ष अदालत ने आठ मार्च के आदेश में मध्यस्थता के लिये बनी इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर अपना काम पूरा करने के लिये कहा था. इस समिति को अयोध्या से करीब सात किलोमीटर दूर फैजाबाद में अपना काम करना था. इसके लिये राज्य सरकार को पर्याप्त बंदोबस्त करने के निर्देश दिये गये थे.