Ayodhya Deepotsav 2024: 500 साल बाद अयोध्या में रघुनंदन का भव्य स्वागत, 28 लाख दीयों से बनेगा रिकॉर्ड, जानें आज क्या कुछ होगा खास

अयोध्या में 500 साल बाद भगवान श्री राम का भव्य स्वागत किया जा रहा है, जिसमें 28 लाख दीयों से दीपोत्सव मनाया जाएगा. यह पहली दिवाली है जब राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या सज रही है, और शहर को शानदार रोशनी से सजाया गया है. कार्यक्रम में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है, साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नई आतिशबाजी भी होगी.

Diwali 2024: आज अयोध्या में 500 वर्षों बाद 'राम वाली दिवाली' का आयोजन किया जा रहा है, जो इस पवित्र नगरी के लिए एक विशेष अवसर है. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है, और इसलिए इस बार तैयारियां भव्य और दिव्य रूप में की गई हैं. राम मंदिर की भव्यता और उसकी आभा इस पर्व के दौरान देखने के लिए तैयार है. दीपोत्सव की रौनक से अयोध्या की हर गली और चौराहा रोशनी में नहाया हुआ है, और सरयू नदी के घाट भी आज 28 लाख दीयों से जगमगाने को तैयार हैं. शाम छह बजे से दीप जलना प्रारंभ हो जाएगा.

घाटों की सजावट और दीयों का रिकॉर्ड

इस वर्ष, अयोध्या के घाटों पर 28 लाख दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 25 लाख दीयों का प्रज्वलन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए किया जाएगा. मंगलवार शाम तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया, और दीयों की गिनती के लिए 30 सदस्यीय टीम ने ड्रोन तकनीक का उपयोग किया. खास बात यह है कि घाट नंबर 10 पर स्वस्तिक के आकार में 80,000 दीये सजाए गए हैं, जो शुभता का प्रतीक है.

अयोध्या दीपोत्सव 2024 में आज क्या कुछ होगा खास

  1. 500 साल बाद: पहली बार भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मनाई जा रही है.
  2. 28 लाख दीये: नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य.
  3. स्वस्तिक पैटर्न: घाट नंबर 10 पर 80,000 दीये स्वस्तिक के आकार में सजाए जाएंगे.
  4. ग्रीन आतिशबाजी: प्रदूषणमुक्त आतिशबाजी 120-600 फीट की ऊंचाई पर होगी.
  5. 10,000 सुरक्षाकर्मी: पूरे शहर में सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं.
  6. रामकथा पार्क कार्यक्रम: पुष्पक विमान से भगवान राम, लक्ष्मण और मां जानकी का आगमन.
  7. विशेष आरती: सरयू नदी के तट पर 1,100 लोगों द्वारा आरती की जाएगी.
  8. 5000-6000 लोगों की मेजबानी: घाटों पर खास व्यवस्था की गई है.
  9. गौ दीप: उत्सव में 1,50,000 गौ दीप जलाए जाएंगे.
  10. अंतर्राष्ट्रीय कलाकार: म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, और अन्य देशों के कलाकार प्रस्तुति देंगे.

सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की व्यवस्थाएं 

अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए, शहर में लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्गों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है, ताकि केवल पास धारक ही प्रवेश कर सकें. नोडल अधिकारी संत शरण मिश्र ने बताया कि घाटों पर 5000-6000 लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की गई है, और अन्य लोगों के लिए कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए 40 जंबो एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं.

रामकथा और सांस्कृतिक कार्यक्रम 

दीपोत्सव के दौरान भगवान राम के चरित्र की झांकियां भी सजेंगी और शहर में भ्रमण करेंगी. पर्यटन विभाग ने अयोध्या को सजाने के लिए विभिन्न एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है. इस बार प्रदूषणमुक्त ग्रीन आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा, जो 120 से 600 फीट की ऊंचाई तक आसमान में बिखरेगी, जिसे 5 किमी के दायरे में लोग आसानी से देख सकेंगे. शाम को सरयू पुल पर लेजर शो, फ्लेम शो और संगीत का संगम भी प्रस्तुत किया जाएगा.

राम राज्याभिषेक की झांकी साकेत महाविद्यालय से निकलनी है. परिसर में झांकी निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है. कुल 49 मूर्तियां और 19 रथ तैयार किए जा रहे हैं.

सीएम भगवान राम को तिलक लगाकर करेंगे स्वागत

रामकथा पार्क के पास आयोजित भरत मिलाप कार्यक्रम में भगवान राम, लक्ष्मण और मां जानकी पुष्पक विमान से आएंगे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे. इसके साथ ही, रामकथा पार्क में भगवान राम का राज्याभिषेक भी किया जाएगा, जिसमें 1,100 लोग सरयू नदी के तट पर विशेष 'आरती' करेंगे.  दोपहर करीब 2.20 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचेंगे.

गौ दीप और फूलों की सजावट 

पशुपालन विभाग ने उत्सव के दौरान 1,50,000 'गौ दीप' जलाने का संकल्प लिया है. राम जन्मभूमि मंदिर में कालिख और प्रदूषण को कम करने वाले विशेष लैंप का उपयोग किया जाएगा. इस बार पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जाएगा, और राज्य सूचना विभाग ने पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की है.

इस दिवाली का उद्देश्य न केवल अयोध्या की आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि कैसे राम की कथा आज भी लोगों को जोड़ती है. म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जो इसे और भी विशेष बनाएगा. अयोध्या में इस दिवाली का जश्न निश्चित रूप से एक नया अध्याय लिखेगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए यादगार रहेगा.

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