प्रयागराज, 24 अप्रैल: गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन हमलावरों की रिमांड समाप्त होने के बाद, प्रयागराज पुलिस अब आरोपियों के नार्को और लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए अदालत जाने की योजना बना रही है. तीनों आरोपी लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह को चार दिन की रिमांड पर रविवार को वापस प्रतापगढ़ जेल भेज दिया गया. यह भी पढ़ें: UP: अब अतीक अहमद के वकील पर दर्ज हुआ केस, उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या से संबंधित सभी संभावित साक्ष्य एकत्र करने के लिए तीनों से पूछताछ की. जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अपराध के मकसद का पता लगाने के लिए नार्को टेस्ट जरूरी है, क्योंकि वे बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि उन्होंने फेमस होने के लिए अतीक और अशरफ को गोली मारी थी.
सूत्रों ने कहा कि तीनों आरोपियों ने यह भी स्पष्ट रूप से नहीं बताया है कि उन्हें हथियार या मारने की सुपारी किसने मुहैया कराई और वे प्रयागराज कैसे पहुंचे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों से अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग पूछताछ की और फिर साथ लाए, लेकिन अधिकारियों को कुछ ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है.
आरोपियों ने अपने ट्रेनिंग और हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के बारे में भी ब्योरा नहीं दिया है. सूत्रों ने कहा कि केवल सनी सिंह ने दावा किया कि दिसंबर 2021 में दिल्ली कोर्ट रूम हमले में मारे गए गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी से उन्हें जिगाना पिस्तौल मिली थी.
सनी ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह मई 2021 में हिस्ट्रीशीटर अपराधी गोगी से मिला था, जिसके खिलाफ 19 मामले दर्ज थे और उससे हथियार हासिल किए थे. उन्होंने पुलिस को बताया कि तीनों 13 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे और रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में ठहरे. उन्होंने पहला हमला 14 अप्रैल को ही करने की कोशिश की, जब अतीक और अशरफ को रिमांड के लिए सीजेएम कोर्ट ले जाया गया लेकिन सुरक्षा उपायों के कारण असफल रहे.
तीनों ने बाद में 15 अप्रैल की रात को अतीक और अशरफ को गोली मार दी, जब उन्हें चिकित्सा परीक्षण के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था. पत्रकारों के वेश में आए तीन हमलावरों ने पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में अतीक और अशरफ को कैमरे के सामने गोली मार दी.