Andra Pradesh: आंध्र प्रदेश में आशा कार्यकर्ता की मौत, सहकर्मियों ने कोविड-19 के टीके को जिम्मेदार ठहराया
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: pxhere)

अमरावती (आंध्र प्रदेश),24 जनवरी : आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के गुंटुर जिले के एक सरकारी अस्पताल में रविवार को एक आशा कार्यकर्ता की मौत हो गई. उसके सहकर्मियों ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 का टीका लगाये जाने के बाद उसकी मौत हुई. गुंटुर जिले के जिलाधिकारी सैम्युअल आनंद ने कहा कि आशा कार्यकर्ता की मौत की वास्तविक वजह की जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Postmortem report) आने के बाद ही मिल पाएगी. साथ ही, उन्होंने कहा कि गत आठ दिनों में 10,099 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया है, जिनमें प्रतिकूल प्रभाव का एक भी मामला सामने नहीं आया है. गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल (GGS) में आशा कार्यकर्ता की मौत हो जाने के बाद अन्य आशा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के एक नेता के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया और जब जिलाधिकारी मृतका के परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने अस्पताल पहुंचे, तो उनके साथ बहस होते भी देखने को मिला. जिलाधिकारी ने कहा कि वह राज्य सरकार को कोविड-19 के अग्रिम मोर्चे की कार्यकर्ता की मौत होने पर दिए जाने वाले मुआवजे की तर्ज पर मृतका(आशा कार्यकर्ता) के परिवार को मुआवजा देने के लिए प्रस्ताव भेजेंगे. उन्होंने परिवार के सदस्य को नौकरी देने के अलावा मकान के लिए भूखंड देने का भी वादा किया. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का टीका लगवाने के तीन दिन बाद 22 जनवरी को 44 वर्षीय आशा कार्यकर्ता ने सिर में दर्द और बुखार की शिकायत की थी. यह भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश में ब्रिटेन से आयी महिला कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित

आशा कार्यकर्ता के भाई ने बताया, ‘‘हम पहले उसे निजी अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसका स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने पर सरकारी अस्पताल ले आए. वह तंदुरूस्त महिला थी और उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान बिना थके लगातार काम किया था.’’ उन्होंने आशा कार्यकर्ता को मस्तिष्काघात होने से भी इनकार किया, जैसा कि अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा किया था.