मध्य प्रदेश के कलाकारों ने अयोध्या में रचा इतिहास, बनाई विश्व की सबसे बड़ी कलाकृति
राम कलाकृति (Photo Credits: PBNS)

हरदा मध्य प्रदेश के कलाकारों का कौशल अयोध्या में जन-जन ने देखा. अवध इंटरनेशनल स्कूल आशापुर में अनाज से दुनिया की सबसे बड़ी कलाकृति बनाई गई है. अनाज के दानों से श्रीराम-जानकी की छवि अपने प्रिय श्री हनुमान के साथ साकार हो गई है.

विश्व की सबसे बड़ी कलाकृति बनाई गई

अवध इंटरनेशनल स्कूल आशापुर में 10 हजार 800 वर्ग फीट के भूखंड पर 125 क्विंटल अनाज से हरदा के 60 कलाकारों ने श्रीराम-जानकी की छवि को उकेरा है. हरदा म.प्र. के कृषि मंत्री कमल पटेल की कर्मभूमि है, उनके सानिध्य में सतीश गुर्जर व उनकी टीम द्वारा बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की कलाकृति व युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानन्द की अनाज के दानों से बनाई गई कलाकृति विश्व रिकार्ड में स्थान प्राप्त कर पहले ही भारत को गौरवान्वित कर चुकी हैं. आज एक बार फिर विश्व रिकार्ड श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में बनानी की तैयारी है. हरदा जिला म.प्र. के लगभग 60 कलाकारों द्वारा सतीश गुर्जर के नेतृत्व में 11 प्रकार के सवा सौ क्विंटल अनाज के दानों से भगवान श्रीराम, माता जानकी व हनुमान जी की भव्य एवं विश्व की सबसे बड़ी कलाकृति बनाई गई है. जो लगभग 10800 वर्ग फिट में है. यह भी पढ़ें : Bihar Politics: लालू यादव का कटाक्ष, कहा- क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन? RJD की जमानत भी जब्त हो जाती..

इन कलाकारों ने तैयार की है कलाकृति

यह कलाकृति कमल पटेल कृषि मंत्री म.प्र. के सानिध्य में खिलता कमल जनकल्याण सामाजिक सेवा संस्थान के सहयोग से कलाकार सतीश गुर्जर के नेतृत्व में तैयार की है. संस्थान के अध्यक्ष कृषि मंत्री कमल पटेल के पुत्र सुदीप पटेल स्वयं अयोध्या में टीम की हौसला अफजाई के लिए पहुंचे थे. शनिवार को कलाकृति का लोकार्पण विधिवत साधु संतों व संघ के वरिष्ठ प्रचारकों के आशीर्वाद व उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री बृजेश पाठक की मौजूदगी में संपन्न हुआ.

अयोध्या के इतिहास में जुड़ा गौरवमायी क्षण

जन-जन के प्रेरक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पावन अयोध्या में एक और गौरवमयी क्षण इतिहास के पन्नों में आज दर्ज हो गया. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के विधि न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मंत्री बृजेश पाठक ने सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन कर व फीता काटकर कार्यक्रम में आए साधु-संतों और महात्माओं का अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया.