चेन्नई: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू एवं कश्मीर (Jammu-kashmir) से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का फैसला इसलिए किया क्योंकि इसका देश और राज्य को कोई फायदा नहीं था. उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू के दो साल के कार्यकाल पर आधारित पुस्तक 'लिस्निंग, लर्निग और लिडिंग' के विमोचन में शाह ने यह बात कही.
शाह ने कहा, "अनुच्छेद 370 का भारत और कश्मीर के लिए कोई फायदा नहीं था. उन्होंने कहा कि इसके खत्म होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का खात्मा होगा और राज्य में आर्थिक सुधार व विकास के कार्य होंगे. शाह ने अनुच्छेद 370 से उप-राष्ट्रपति के जुड़े होने की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "जब नायडू जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे, उन्होंने अनुच्छेद 370 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. यह भी पढ़े: अनुच्छेद 370: पाकिस्तान ने सीमा पार जानेवाली दिल्ली-लाहौर बस सेवा की निलंबित
एक प्रोफेसर ने उनसे पूछा क्या उन्होंने कभी कश्मीर देखा भी है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, चहरे की दो आंखें भी एक दूसरे को नहीं देख पाती है, लेकिन जब एक को चोट लगती है दूसरी से आंसू निकलते हैं." अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए बिल को मंजूरी मिलने का श्रेय शाह ने उपराष्ट्रपति को देते हुए कहा कि वह पहले राज्यसभा में इसे स्थानांतरित करने के बारे में थोड़ा आशंकित थे. शाह ने कहा, "बिल वहां से पारित हुआ यह नायडू के नेतृत्व के कारण ही हो सका