Andhra Pradesh: अंबेडकर के नाम पर कोनसीमा जिले का नाम रखने पर भड़की हिंसा, मंत्री का फूंका घर, पथराव में कई पुलिसकर्मी जख्मी

आंध्र प्रदेश के अमलापुरम शहर में मंगलवार को कोनसीमा जिले का नाम बदलकर डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनसीमा जिला रखने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राज्यमंत्री पी. विश्वरूप के आवास पर भी हमला किया, कुछ वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया, जिससे शहर में तनाव पैदा हो गया.

कोनसीमा में हिंसा (Photo Credits: ANI)

अमरावती: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के अमलापुरम शहर (Konaseema City) में मंगलवार को कोनसीमा जिले का नाम बदलकर डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनसीमा जिला रखने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राज्यमंत्री पी. विश्वरूप के आवास पर भी हमला किया, कुछ वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया, जिससे शहर में तनाव पैदा हो गया. भीड़ ने मंत्री के घर पर दो वाहनों में आग लगा दी और कार्यालय में भी तोड़फोड़ की. मंत्री के परिवार के सदस्य बाल-बाल बच गए, क्योंकि पुलिस ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज दिया था.

कोनसीमा साधना समिति (केएसएस) द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया. सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वे घंटाघर पर जमा हो गए.

पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी, उनमें से कुछ कलेक्टर कार्यालय की ओर भागे. पुलिस ने पीछा कर उनमें से कुछ को गिरफ्तार कर लिया. जब उन्हें पुलिस वाहनों में ले जाया जा रहा था, अन्य लोगों ने पथराव किया, जिससे वाहन की खिड़की के शीशे टूट गए. भीड़ ने एक पुलिस वाहन और एक निजी बस में आग लगा दी. हालांकि, इन वाहनों में कोई नहीं था.

युवकों ने अमलापुरम एरिया अस्पताल के पास पुलिस पर पथराव भी किया. पथराव में पुलिस अधीक्षक के.एस.एस.वी सुब्बा रेड्डी बाल-बाल बच गए, लेकिन कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

गृहमंत्री टी. अनीता ने हिंसा की निंदा की. उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर के नाम पर जिले का नाम रखने के फैसले का विरोध किया गया.

गृहमंत्री ने दावा किया कि लोगों के अनुरोध पर यह निर्णय लिया गया.

कोनसीमा जिले को पूर्वी गोदावरी से अलग कर अमलापुरम का मुख्यालय बनाया गया है.

यह 4 अप्रैल को बनाए गए 13 जिलों में से एक है, जिससे राज्य में कुल जिलों की संख्या 26 हो गई.

सरकार ने कुछ जिलों का नाम स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू, पूर्व मुख्यमंत्री और तेदेपा संस्थापक नंदमूरि तारक रामा राव (एनटीआर) जैसी प्रमुख हस्तियों के नाम पर रखा था. इसी तरह, दो नए जिलों का नाम संत संगीतकार तल्लापका अन्नामचार्य (अन्नमय्या) और सत्य साईं बाबा (श्री सत्य साईं) के नाम पर रखा गया था.

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की सरकार वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी अंबेडकर के नाम पर एक जिले का नाम नहीं रखने के लिए दलित समूहों और अन्य लोगों की आलोचना के घेरे में आ गए थे.

राज्य सरकार ने 18 मई को एक अधिसूचना जारी कर कोनसीमा जिले का नाम डॉ. अंबेडकर के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर आपत्तियां और सुझाव मांगे थे. इसने कोनसीमा के भीतर रहने वाले लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगीं.

लोगों से 30 दिनों के भीतर कोनसीमा जिला कलेक्टर को आपत्ति और सुझाव, यदि कोई हो, भेजने का आग्रह किया गया है.

हालांकि, प्रस्ताव का विरोध करते हुए केएसएस ने विरोध का आह्वान किया है. विरोध के आह्वान को देखते हुए पुलिस ने कस्बे में निषेधाज्ञा लागू कर दी है.

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