विजयवाड़ा, 13 अगस्त: आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (CID) ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में अनुबंध के आधार पर नियुक्त अधिकारियों द्वारा किए जा रहे घोटाले का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. आरोपियों की पहचान डेटा एंट्री ऑपरेटर कनामराला श्रीनु, जी. सीता रामय्या, नलजला साईराम, बी. चैतन्य नाइक और अदबुल रज्जाक के रूप में हुई है. जांच से पता चला है कि कनामराला श्रीनु सरगना था. यह भी पढ़ें: Fake Call Center Busted in Mumbai: मुंबई पुलिस की बड़ी कार्रवाई, फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 12 लोगों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी अधिकारियों ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के जाली डिजिटल हस्ताक्षर बनाए और डुप्लिकेट मुख्यमंत्री याचिकाएं (सीएमपी) बनाईं और पैसा निकाला. जांच से पता चला है कि आरोपियों ने जून से अगस्त के बीच 66 सीएमपी जारी किए और आवेदकों से 80,000 रुपये लिए. सीएमपी लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को दी गई याचिकाएं हैं. आदर्श रूप से, संबंधित आईएएस अधिकारियों को याचिकाओं को देखना और संबंधित विभाग के सचिवों को अग्रेषित करना होता था.
आरोपी ने सीएमओ में आईएएस अधिकारियों के ई-ऑफिस लॉगिन यूजरनेम और पासवर्ड का इस्तेमाल किया. उन्होंने ई-ऑफिस के माध्यम से संबंधित नौकरशाहों की जानकारी के बिना डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया. यह घोटाला तब सामने आया जब आईएएस अधिकारी धनुंजय रेड्डी ने गृह विभाग से एक जाली सीएमपी देखा और पाया कि यह नकली था.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 465 और 471 के साथ 120बी और आईटी अधिनियम की धारा 66सी और डी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.