Amaravati High-tech City:1 लाख करोड़ रुपये से बदल जाएगी आंध्र प्रदेश की 'राजधानी' अमरावती की तस्वीर, वर्ल्ड क्लास शहर बनाने का मास्टर प्लान तैयार

अमरावती मास्टर प्लान के अनुसार, 217 वर्ग किलोमीटर में राजधानी को विकसित किया जाएगा. यह एक वर्ल्ड क्लास शहर होगा जो हर व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करेगा.

तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती होने की घोषणा की है. यह घोषणा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन पूर्व की गई. नायडू ने स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी अमरावती ही होगी. यह घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के 'थ्री कैपिटल' फॉर्मूले के विपरीत है.

नायडू ने कहा कि "आंध्र प्रदेश की सिर्फ़ एक राजधानी अमरावती होगी. विशाखापट्टनम को आर्थिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा." उन्होंने बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आपको बता दें कि NDA ने राज्य की 175 विधानसभा सीटों में से 164 सीटें जीती हैं, जबकि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस सिर्फ़ 11 सीटों पर सिमट गई.

टीडीपी के सत्ता में वापस आने के बाद अमरावती को राजधानी बनाने की योजना को गति मिल गई है. नायडू ने अपनी पिछली सरकार में भी अमरावती को राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था और इस पर काम भी शुरू हुआ था. लेकिन 2019 में टीडीपी के चुनाव हारने के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई. 2019 में जगन मोहन रेड्डी ने तीन राजधानी (विशाखापट्टनम, अमरावती और कुर्नूल) बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसके लिए बिल भी पेश किया गया. हालांकि, हाईकोर्ट ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी और मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है.

अमरावती को राजधानी क्यों चुना गया?

2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ और तेलंगाना एक नया राज्य बना. विभाजन के बाद 10 साल तक हैदराबाद को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों की राजधानी बनाए रखा गया. 2 जून 2024 को 10 साल पूरे होने पर, हैदराबाद केवल तेलंगाना की राजधानी बन गया.

विभाजन के समय यह तय हुआ था कि हैदराबाद हमेशा के लिए तेलंगाना की राजधानी रहेगी, जबकि आंध्र प्रदेश को एक नई राजधानी बनानी होगी. 2014 में सत्ता में आने के बाद, चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को राजधानी घोषित किया. 22 अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरावती में नई राजधानी की आधारशिला रखी. इसके लिए नायडू सरकार ने किसानों से 33 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी.

मास्टर प्लान के अनुसार

अमरावती को राज्य के दो प्रमुख शहरी केंद्रों, विजयवाड़ा और गुंटूर, के बीच स्थित होने के कारण आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के रूप में चुना गया था. अमरावती के आसपास 8,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को राजधानी क्षेत्र घोषित किया जाएगा, जिसमें विजयवाड़ा और गुंटूर भी शामिल हैं.

अमरावती का नाम अमरेश्वर मंदिर से लिया गया है, जो भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है. माना जाता है कि यह मंदिर दूसरी शताब्दी में बनाया गया था और यह कभी सातवाहन और पल्लव राजाओं की राजधानी हुआ करता था. मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल में यहाँ एक स्तूप और मठ का निर्माण भी किया गया था.

अमरावती: एक वर्ल्ड क्लास शहर

आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (CRDA) की वेबसाइट पर उपलब्ध अमरावती मास्टर प्लान के अनुसार, 217 वर्ग किलोमीटर में राजधानी को विकसित किया जाएगा. यह एक वर्ल्ड क्लास शहर होगा जो हर व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करेगा.

कोर कैपिटल एरिया में सरकारी कार्यालय, सांस्कृतिक संस्थान और सार्वजनिक स्थान होंगे. इसे इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि राजधानी के सभी आवासीय क्षेत्र, वाणिज्यिक क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थान और व्यावसायिक केंद्र सड़क और सार्वजनिक परिवहन से जुड़े रहें.

मास्टर प्लान में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक अमरावती की आबादी 35 लाख से अधिक हो जाएगी. अमरावती को राजधानी बनाने से 15 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.

अमरावती में 9 शहर

गवर्नमेंट सिटी: यह उत्तर-दक्षिण में स्थित होगी, जिसमें सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ आवासीय क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे. यह 1,093 हेक्टेयर में फैली होगी.

जस्टिस सिटी: यह गवर्नमेंट सिटी के पास स्थित होगी और इसमें न्यायिक संस्थान होंगे. जस्टिस सिटी 1,339 हेक्टेयर में बनेगी.

फाइनेंस सिटी: आंध्र की अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से इसे विकसित किया जाएगा. इसमें वाणिज्यिक और आवासीय दोनों क्षेत्र शामिल होंगे. फाइनेंस सिटी 2,091 हेक्टेयर में बनेगी.

नॉलेज सिटी: यह जस्टिस और फाइनेंस सिटी के दक्षिण में स्थित होगी, जिसमें विश्वविद्यालय परिसर, कॉलेज और नॉलेज पार्क शामिल होंगे. नॉलेज सिटी 3,459 हेक्टेयर में बनेगी.

इलेक्ट्रॉनिक सिटी: यह दक्षिण भारत में आने वाले आईटी और इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों के लिए विकसित की जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक सिटी 2,663 हेक्टेयर में बनेगी.

हेल्थ सिटी: राजधानी के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अलग से हेल्थ सिटी बनाई जाएगी. यह 2,647 हेक्टेयर में फैली होगी.

स्पोर्ट्स सिटी: यह रिवरफ्रंट के उत्तर-पश्चिम में स्थित होगी और इसमें बड़े स्टेडियम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों के लिए इवेंट स्थल शामिल होंगे. स्पोर्ट्स सिटी 1,679 हेक्टेयर में बनेगी.

मीडिया सिटी: यह अनंतवरम के पास स्थित होगी और इसमें मीडिया और सांस्कृतिक केंद्र शामिल होंगे. अनंतवरम में ऐतिहासिक अनंतवरम वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर स्थित है. यह 2,067 हेक्टेयर में बनेगी.

टूरिज्म सिटी: यह कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली गुफाओं के पास स्थित होगी. यह 4,716 हेक्टेयर में फैली होगी.

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