MP की राज्यपाल बोलीं, फिगर खराब होने के डर से बच्चों को स्तनपान नहीं कराती शहरी महिलाएं

मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शहरी महिलाओं पर अपने बच्चों की सेहत से खिलवाड़ नहीं करने की अपील की है. राज्य के एक आंगनवाड़ी केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज के जमाने की माताएं फिगर बिगड़ जाने के डर से बच्चों को स्तनपान नहीं करातीं है.

आनंदीबेन पटेल (File Image)

भोपाल: मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शहरी महिलाओं पर अपने बच्चों की सेहत से खिलवाड़ नहीं करने की अपील की है. राज्य के एक आंगनवाड़ी केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज के जमाने की माताएं फिगर बिगड़ जाने के डर से बच्चों को स्तनपान नहीं करातीं है. महिलाओं के इस भ्रम के कारण बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

जच्चा-बच्चा की अच्छी सेहत के लिये उचित आहार की जरूरत पर जोर देते हुए गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री के कहा “अब भी शहर की लड़कियों को ऐसा लगता है कि उनका फिगर बिगड़ जायेगा. इसलिये वे बच्चों को अपना दूध नहीं पिलातीं. वे बच्चों को बोतल से दूध पिलाने लगती हैं."

गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री ने स्तनपान के महत्व को समझाते हुए कहा, "अगर बच्चों को बोतल से दूध पिलाया जायेगा, तो जिस तरह बोतल फूट जाती है, वैसे ही उनका नसीब भी फूट जायेगा." राज्यपाल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और जच्चा-बच्चा की सेहत के लिये उचित और पौष्टिक आहार बेहद जरूरी है.

इसके साथ ही पटेल ने गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिये भी प्रोत्साहित किया.

मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान है. छह महीने की उम्र तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है. छह महीने के बाद दूध पिलाने के साथ-साथ दूसरे खाने दिए जा सकते हैं. स्तानपान मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है. मां का दूध बच्चों को इंफेक्शन, दस्त और उल्टी से बचाता है.

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