कारगिल में Pak को धूल चटाने वाले एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार बने वेस्टर्न एयर कमांड के चीफ, आकाश में रचे है कई इतिहास
एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: करीब 20 साल पहले कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) को धूल चटाने वाले एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने वेस्टर्न एयर कमांड (पश्चिमी वायु कमान) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है. इससे पहले एयर मार्शल रघुनाथ ईस्टर्न एयर कमांड के मुखिया थे. उन्होंने गुरुवार को वेस्टर्न एयर कमांड के चीफ पद से सेवानिवृत हुए एयर मार्शल सी हरिकुमार की जगह ली.

एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और वह जून 1981 में भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में कार्यरत थे. वह एक एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं और उन्होंने कमान में पायलट के रूप में 42 प्रकार के विमानों को उड़ाया है. पिछले साल सितंबर महीने में उन्होंने दसाल्ट एविएशन द्वारा भारत के लिए बनाए गए पहले राफेल लड़ाकू विमान को उड़ाया.

एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने भारतीय वायु सेना में मिराज-2000 पर सबसे अधिक घंटों की उड़ान का श्रेय हासिल है, जिसमें विमान पर 2300 से अधिक उड़ान घंटे और कुल 5100 घंटों का उड़ान अनुभव हासिल है. वह सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट्स के सदस्य हैं और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट "तेजस" के लिए प्रोजेक्ट टेस्ट पायलट थे.

एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार मिराज -2000 स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर, सीनियर टेस्ट पायलट और एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग इंस्टीट्यूशन (एएसटीई) में फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर रहे हैं. उन्होंने आईएएफ के सबसे पुराने स्क्वाड्रन को प्रतिष्ठित नंबर 1 स्क्वाड्रन का कमान किया है. उन्होंने कारगिल संघर्ष के दौरान युद्ध में मिराज-2000 की उड़ान भरी और 25 परिचालन मिशन की भी उड़ान भरी है.

एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार को कारगिल परिचालनों के लिए राष्ट्रपति द्वारा वीरता के लिए वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया था. उड़ान परीक्षण के अपने पहले चरण के दौरान 2002 में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) की उड़ान परीक्षण के लिए उन्हें वायु सेना पदक में बार से सम्मानित किया गया था. उन्हें 2015 में अतिविशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया.