नई दिल्ली, 23 अगस्त : नागरिक विमान सेवाओं का नियमन करने वाली सरकारी एजेंसी डीजीसीए ने टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया पर अयोग्य क्रू मेंबर्स के साथ विमान का संचालन करने के लिए 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सरकारी एजेंसी द्वारा आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई.
इसके अलावा एयर इंडिया के डायरेक्टर ऑपरेशन पर 6 लाख रुपये और डायरेक्टर ट्रेनिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए संबंधित पायलट को भी चेतावनी दी गई है. एयर इंडिया की ओर से एक विमान का संचालन किया गया था, जिसमें नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन को नॉन-लाइन-रिलीज फर्स्ट ऑफिसर के साथ नियुक्त किया था. डीजीसीए ने इसे महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रभाव वाली एक गंभीर शेड्यूलिंग घटना के रूप में देखा. यह भी पढ़ें : दिल्ली भाजपा ने पेंशन के मुद्दे पर सरकार को घेरा, प्रदेश अध्यक्ष का आरोप- लूटने का काम कर रही केजरीवाल सरकार
एयर इंडिया की ओर से 10 जुलाई को डीजीसीए दी गई एक रिपोर्ट के बाद इसका खुलासा हुआ. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीसीए ने एयर इंडिया के ऑपरेशन और एयरलाइन के शेड्यूलिंग के दस्तावेजों की जांच की. डीजीसीए ने जांच के बाद कहा कि प्राथमिक जांच में पाया गया कि एयर इंडिया के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से कई नियमों की अनदेखी की गई और इससे सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे.
डीजीसीए ने आगे कहा कि विमान से संबंधित कमांडर और डीजीसीए एप्रूव्ड एयर इंडिया के अधिकारियों को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और अपनी स्थिति बताने को कहा. इससे पहले रोस्टरिंग में गड़बड़ी के चलते मुंबई-रियाद उड़ान का ट्रेनी पायलट (बिना ट्रेनिंग कैप्टन के पर्यवेक्षण के) द्वारा संचालन किए जाने के कारण डीजीसीए ने एयर इंडिया के दो पायलट को ग्राउंड कर दिया.