कैसे क्रैश हुआ था एयर इंडिया का AI-171 विमान? दिल्ली लैब में डिकोड हुआ ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट के डेटा से होगा बड़ा खुलासा

Air India AI-171 Crash: हाल ही में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 विमान हादसे की जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. जांच टीम ने विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स से डेटा सफलतापूर्वक निकाल लिया है और अब उसकी जांच की जा रही है. यह जानकारी सरकार की ओर से 26 जून 2025 को दी गई है.

ब्लैक बॉक्स क्या होते हैं और वे कहां मिले?

किसी भी विमान के लिए ब्लैक बॉक्स सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. इनमें दो डिवाइस होते हैं:

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): यह पायलटों और क्रू के बीच की बातचीत को रिकॉर्ड करता है.

फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान की गति, ऊंचाई, दिशा और अन्य तकनीकी जानकारी को रिकॉर्ड करता है.

हादसे के बाद, एक ब्लैक बॉक्स 13 जून को दुर्घटना स्थल पर एक इमारत की छत से मिला था, जबकि दूसरा 16 जून को विमान के मलबे से बरामद हुआ.

जांच कौन कर रहा है? 

भारत में ऐसे हादसों की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) नाम की संस्था करती है. इस जांच के लिए 13 जून को एक टीम बनाई गई थी. क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी और विमान अमेरिका में बना था, इसलिए जांच में मदद के लिए अमेरिका की जांच एजेंसी NTSB (नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड) के विशेषज्ञ भी इस टीम में शामिल हैं.

ब्लैक बॉक्स को दिल्ली कैसे लाया गया?

मिलने के बाद दोनों ब्लैक बॉक्स को अहमदाबाद में 24 घंटे पुलिस की कड़ी सुरक्षा और CCTV की निगरानी में रखा गया था. इसके बाद 24 जून को, भारतीय वायु सेना (IAF) के एक विशेष विमान से पूरी सुरक्षा के साथ इन्हें दिल्ली में AAIB की लैब में लाया गया.

अब तक क्या हुआ और आगे क्या होगा? 

24 जून की शाम को भारतीय और अमेरिकी विशेषज्ञों की टीम ने दिल्ली की लैब में ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने का काम शुरू किया. 25 जून तक, टीम ने ब्लैक बॉक्स के मेमोरी मॉड्यूल से सारा डेटा सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया है.

अब इस डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है. इस विश्लेषण से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि:

  • हादसे से ठीक पहले विमान में क्या हुआ था?
  • पायलटों के बीच क्या बातचीत हो रही थी?
  • क्या कोई तकनीकी खराबी थी?

इस पूरी जांच का मकसद सिर्फ दुर्घटना के कारणों का पता लगाना ही नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को होने से रोका जा सके. जांच सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों और घरेलू कानूनों के तहत समय पर की जा रही है.