वायु सेना ने लापता AN-32 aircraft के बारे में जानकारी देने पर रखा पांच लाख रुपये का इनाम

वायु सेना ने लापता एएन-32 विमान के बारे में जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की शनिवार को घोषणा की. भारतीय वायु सेना के लापता एएन-32 विमान की खोज में लगी विभिन्न एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है.

IAF AN-32 Aircraft (Photo Credits: PTI)

ईटानगर : वायु सेना ने लापता एएन-32 विमान के बारे में जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की शनिवार को घोषणा की. भारतीय वायु सेना के लापता एएन-32 विमान की खोज में लगी विभिन्न एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. खराब मौसम के बीच शनिवार को छठे दिन भी खोज अभियान लगातार जारी रहा. विमान में 13 लोग सवार थे.

पूर्वी वायुसेना कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल आर डी माथुर ने विमान के बारे में जानकारी देने वाले के लिए इनाम की घोषणा की क्योंकि छह दिनों से चलाए जा रहे व्यापक तलाशी अभियान के बाद भी विमान का पता नहीं चल सका है. वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि लापता विमान की तलाश जारी है, एयर मार्शल आरडी माथुर, पूर्वी वायुसेना कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने विमान के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने वाले व्यक्ति या समूह को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है.’’

विमान से संबंधित जानकारी साझा करने के लिए फोन नंबर - 9436499477/9402077267/9402132477 हैं.

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने शनिवार को जोरहाट का दौरा किया. वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि धनोआ को अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और स्थिति से अवगत कराया गया. इसके बाद उन्होंने उन अधिकारियों और वायु सेना के उन कर्मियों के परिजनों से मुलाकात की, जो भारतीय वायुसेना के विमान में सवार थे. रूस निर्मित विमान ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए सोमवार रात 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी.

जमीनी नियंत्रण कक्ष के साथ विमान का संपर्क दोपहर एक बजे टूट गया. विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे. वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि खोज टीम इसरो के उपग्रहों सहित विभिन्न एजेंसियों के उन्नत तकनीक और सेंसर के साथ विमान का पता लगाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गम इलाके और घने जंगल से मिशन प्रभावित हो रहा है. दिन भर खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण हवाई अभियानों को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा है.’’

उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद वायु सेना, थल सेना और स्थानीय प्रशासन का संयुक्त खोज अभियान जारी रहा. स्थानीय और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें सियांग जिले के आसपास के इलाकों की तलाश कर रही हैं. सिंह ने कहा, “भारतीय वायुसेना ने अभियान में और अधिक हेलीकॉप्टरों और मालवाहक विमानों को तैनात किया है और पिछले कुछ दिनों में खोज क्षेत्र का काफी विस्तार किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हवाई सेंसर और उपग्रहों से एकत्र किए गए डेटा और तस्वीरों का सुराग ढूंढ़ने के लिए बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है.’’

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