भारतीय जनता पार्टी के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने तबलीगी जमात को सिमी और पीएफआई से भी ज्यादा खतरनाक बताया है. उन्होंने इस संस्था की प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और एनआईए से जांच कराने की सरकार से मांग की है. अतिवादी संगठनों से कनेक्शन की रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने के बाद तबलीगी जमात की ओर से आईएएनएस को दिए गए नोटिस पर भाजपा नेता ने कहा कि यह 'एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी' जैसी बात है.
बीजेपी नेता ने तबलीगी जमात को बताया सिमी से भी खतरनाक : 8 अप्रैल 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE
केंद्र द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद भी जारी रखने के मुद्दे पर विचार के बीच देश में कोविड-19 के मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 5200 के पास पहुंच गया. आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5,192 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि कम से कम 162 लोगों की मौत हो चुकी है.
नई दिल्ली: कुछ राज्यों द्वारा अपने यहां जांच की सुविधा बढ़ाने तथा केंद्र द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) को 14 अप्रैल के बाद भी जारी रखने के मुद्दे पर विचार के बीच देश में कोविड-19 (COVID-19) के मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 5200 के पास पहुंच गया. इस बीमारी के प्रमुख केंद्र के तौर पर सामने आ रहे कुछ इलाकों में सख्त ‘क्लस्टर नियंत्रण’ योजना को भी लागू किया गया है. कुछ राज्यों में कुछ क्षेत्रों को पूर्ण बंदी से संभावित रियायत के संकेत भी मिले हैं जिनमें कृषि और असंगठित श्रम क्षेत्र शामिल हैं. इसके अलावा कुछ स्थानों पर और कड़े क्षेत्र आधारित प्रतिबंधों को लेकर भी बात चल रही है.
विभिन्न राज्यों से प्राप्त खबरों के आधार पर मंगलवार को पीटीआई-भाषा के तैयार आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5,192 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि कम से कम 162 लोगों की मौत हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शाम के आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमित मामलों की संख्या 4,789 तथा मृतकों की संख्या 124 है. आधिकारिक घोषणा के मुताबिक, अब तक 400 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं जबकि देश में अब तक एक लाख 10 हजार के करीब लोगों की जांच हुई है.
अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के लिये उठाए गए कदमों के कारण भारत में इस महामारी के प्रसार को रोकने में बड़ी मदद मिली है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन के मुताबिक अगर लॉकडाउन या दूरी बरतने के नियमों का पालन नहीं हो तो कोरोना वायरस का एक मरीज 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड-19 पर केंद्र सरकार की तरफ से दैनिक ब्रीफिंग में बताया कि एहतियाती उपाए किए जाने पर संक्रमण की आशंका इसी अवधि में प्रति मरीज महज ढाई व्यक्ति रह जाएगी. उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी कोविड-19 के प्रबंधन में “सामाजिक दवा” की तरह काम करती है. हालांकि वह यह बताने से बचते दिखे कि 14 अप्रैल के बाद बंद की अवधि बढ़ायी जाएगी या इसे हटाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जो भी फैसला लिया जाएगा, उसके बारे में जानकारी दी जाएगी। जब तक आधिकारिक तौर पर कोई संवाद न हो तब तक कयासबाजी से बचें. सरकारी सूत्रों ने हालांकि कहा कि कई विशेषज्ञ और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार से 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है जो 25 मार्च से शुरू हुआ था। कोविड-19 के कारण 183 देशों में 75,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 13.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. कुछ राज्यों ने हालांकि संकेत दिया कि कुछ क्षेत्रों में बंद की शर्तों में राहत दी जा सकती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए काम के मोर्चे पर "सीमित छूट" दिए जाने के विकल्प पर विचार कर रही हैं, क्योंकि वे बंद से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों में से हैं. उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि अनुमति देंगे लेकिन सभी को सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में सात क्षेत्रों की पहचान की है जो कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो उनकी सरकार बंद को बढ़ाएगी, जबकि राजस्थान के उनके समकक्ष अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य बंद को तत्काल वापस नहीं ले सकता और इसे चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. वहीं कर्नाटक के एक मंत्री ने कहा कि बंद को हटाने पर अभी कोई फैसला करना जल्दबाजी होगा लेकिन उनका रुझान बंद को दो और हफ्तों के लिये बढ़ाने की तरफ दिखा.
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सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंद को हटाए जाने के तौर-तरीकों पर चर्चा करते हुए स्पष्ट संकेत दिये थे कि एक बार में बंद को हटाए जाने की संभावना बेहद कम है.
उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव आर के तिवारी ने कहा बंद के लिए अभी समय है और हम स्थिति की समीक्षा करेंगे, फिर इसे हटाने के बारे में फैसला लेंगे. उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों ने जांच की संख्या बढ़ाने की योजना की घोषणा की जबकि देश भर में कई नेताओं ने लोगों से बंद और सामाजिक दूरी के उपायों का सख्ती से पालन करने को कहा.
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य एक हफ्ते के अंदर रैपिड जांच शुरू करेगा और उसने चीन से 10 लाख जांच किटों की आपूर्ति के लिए ऑर्डर दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच बिंदुओं वाली कार्य योजना शुरू की है. इसमें पांच टी शामिल हैं. ये पांच टी टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार), टीम-वर्क (मिलकर काम करना) और ट्रैकिंग (नजर रखना) हैं.पहले टी के तहत सरकार अति प्रभावित क्षेत्रों में एक लाख जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि 30 हजार तक मामलों से निपटने के लिये तैयारी कर ली गई है. गुजरात सरकार ने भी चार शहरों के 15 मुहल्लों में क्लस्टर नियंत्रण लागू करने का फैसला किया है, जिसमें इन इलाकों को पूरी तरह बंद किया जाएगा.