देश के 50 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं के नंबर हो सकते हैं बंद, जानें क्या है वजह?
देश की कुल आबादी के लगभग आधी जनसंख्या को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि करीब 50 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं के नंबर डिस्कनेक्ट हो सकते हैं. दरअसल, भारत में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले तकरीबन आधे उपभोक्ताओं को केवाईसी से जुड़ी नई समस्या हो सकती है.
नई दिल्ली: देश की कुल आबादी के लगभग आधी जनसंख्या को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि करीब 50 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं के नंबर डिस्कनेक्ट हो सकते हैं. दरअसल, भारत में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले तकरीबन आधे उपभोक्ताओं को केवाईसी से जुड़ी नई समस्या हो सकती है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अगर आधार वेरिफिकेशन के आधार पर जारी किए गए सिमकार्ड नए वेरिफिकेशन प्रक्रिया में असफल हो जाते हैं तो उनके सिम कार्ड्स को डिसकनेक्ट किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो भारी तादात में उपभोक्ताओं पर इसका असर हो सकती है. हालांकि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इससे संबंधित अधिकारियों ने यह संकेत दिए हैं कि सरकार नई केवाईसी कराने के लिए यूजर्स को पर्याप्त समय देगी.
बताया जाता है कि इसी सिलसिले में बुधवार को टेलिकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदरराजन ने मोबाइल कंपनियों से मुलाकात की. इस बैठक में केवाईसी से जुड़े दूसरे विकल्प पर चर्चा भी की गई, ताकि इस केवाईसी से जुड़ी इस परेशानी का हल निकाला जा सके. इसके लिए टेलिकॉम विभाग यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बातचीत भी कर रहा है.
बता दें कि 50 करोड़ उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर के डिस्कनेक्ट होने की इन खबरों पर विराम लगाते हुए टेलिकॉम विभाग और यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक साझा बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने इन खबरों को निराधार बताया है.
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था कि प्राइवेट कंपनियां, वेरिफिकेशन के लिए उपभोक्ताओं के आधार का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा था कि फोन कनेक्शन, मोबाइल वॉलेट और बैंक खातों को अब आधार से लिंक कराने की जरूरत नहीं है. टेलिकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदरराजन की मानें तो वो ये सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उपभोक्ताओं को केवाईसी वेरिफिकेशन की यह नई प्रक्रिया आसान रहे, ताकि इससे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो. यह भी पढ़ें: फ्रेंड ने WhatsApp पर किया है ब्लॉक तो ऐसे करें खुद को अनब्लॉक
बताया जा रहा है कि साल 2016 में मोबाइल इंडस्ट्री में कदम रखने वाली टेलिकॉम कंपनियों ने सिर्फ बायोमेट्रिक तरीके से ही ग्राहकों को सिम कार्ड जारी किए है, जिसमें सबसे ज्यादा मोबाइल कनेक्शन रिलायंस जियो द्वारा जारी किए गए है. जियो के अलावा भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, बीएसएनएल और एमटीएनल ने भी कुछ सिम कार्ड्स को सिर्फ आधार ऑथेंटिकेशन के जरिए जारी किए हैं.