National Rural Employment Guarantee Act: मनरेगा में बीते 5 महीने के दौरान मिला 47 फीसदी ज्यादा काम,
मजदुर/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली, 5 सितंबर: कोरोना काल में गावों के दिहाड़ी मजदूरों को बीते पांच महीने के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (National Rural Employment Guarantee Act) के तहत पिछले साल के मुकाबले 47 फीसदी ज्यादा काम मिला है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि मनरेगा के तहत पुरुषों से ज्यादा काम महिलाओं को मिला है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के आरंभिक पांच महीनों यानी एक अप्रैल से लेकर 31 अगस्त तक मनरेगा के तहत कुल 192.99 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है जबकि पिछले साल (2019-20) में इस अवधि के दौरान कुल 131.21 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ था.

इस प्रकार, पिछले साल की तुलना में इस वर्ष पिछले पांच महीनों के दौरान में 61.78 करोड़ यानी 47 फीसदी मानव दिवस ज्यादा रोजगार सृजित हुआ. आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक कुल सृजित मानव दिवस में महिलाओं की भागीदारी 52.43 फीसदी है जबकि अनुसूचित जाति वर्ग की हिस्सेदारी 20.56 फीसदी और अनुसूचित जनजाति वर्ग की हिस्सेदारी 17.96 फीसदी है. केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मनरेगा और गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत देशभर में किए जा रहे कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते एक बयान में कहा कि कोरोना महामारी के संकट काल में इन योजनओं से गांवों के श्रमिकों को बड़ा सहारा मिला है.

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मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष अब तक 9.93 करोड़ लोगों को मनरेगा के तहत जॉब ऑफर किया गया है. कोरोना काल में महानगरों से प्रवासी मजदूरों के पलायन के बाद गांवों में उनके लिए रोजी-रोटी का साधन मुहैया करवाने के मकसद से सरकार ने भी मनरेगा पर विशेष जोर दिया और पहले इस योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरी की दर 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये रोजाना कर दी और बाद में इसका बजट भी 40,000 करोड़ रुपये बढ़ा दिया.

चालू वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा का बजटीय आवंटन 61,500 करोड़ रुपये था और कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया. वहीं, कोरोना काल में शहरों से गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए शुरू किए गए देश के छह राज्यों के 116 जिलों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत अब तक लगभग 25.93 करोड़ मानव दिवस का सृजन हुआ है.