मध्यप्रदेश में एक साल में बिजली संबंधी 32 लाख शिकायतों का हुआ निपटारा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

मध्यप्रदेश में बिजली आपूर्ति संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए 'डायल 100' की तर्ज पर केंद्रीयकृत कॉल सेंटर हेल्पलाइन नंबर '1912' शुरू किया गया है. इस केंद्र के जरिए सालभर में 32 लाख शिकायतों का निपटारा किया गया. शिकायतों के निपटारे की औसत अवधि एक घंटा 32 मिनट रहा. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, भोपाल, जबलपुर और इंदौर में कॉल सेंटर सेवा में कार्यरत डेस्क की संख्या बढ़ाई गई है. कॉल सेंटर में दर्ज शिकायतों के निराकरण की निरंतर मॉनीटरिंग की जाती है.

ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने गुरुवार को बताया कि जनवरी, 2019 से अब तक बिजली आपूर्ति संबंधी लगभग 32 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं. सभी शिकायतों का निराकरण समय पर किया गया. निराकरण की औसत अवधि एक घंटा 32 मिनट पाई गई. यह अवधि विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मापदंड से बहुत कम है. निर्धारित मापदंड के अनुसार, सामान्य कारणों से विद्युत व्यवधान पर शहरी क्षेत्र के लिए अधिकतम पांच घंटे और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 24 घंटे तय किए हैं. लाइन ब्रेक डाउन की स्थिति में शहरी क्षेत्र में अधिकतम 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में तीन दिन का समय दिया गया है.

यह भी पढ़ें- कोल आपूर्ति चालू वित्त वर्ष के पहले बिजली क्षेत्र में कोयला आपूर्ति नौ प्रतिशत घटी

बताया गया है कि शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ताओं से फीडबैक लेने का काम भी शुरू किया गया है. तीनों कॉल सेंटर से प्रति कंपनी प्रतिदिन 500 शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर उनकी संतुष्टि की जांच की जाती है. एक अगस्त, 2019 से अब तक एक लाख 70 हजार से अधिक उपभोक्ताओं का फीडबैक लिया गया. इनका उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 91़ 73 आंका गया. फील्ड अफसर असंतुष्ट उपभोक्ताओं से व्यक्तिगत संपर्क कर उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं.