Maharashtra: नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मौतें, विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार ने दिए जांच के आदेश

हाफकिन प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं परीक्षण संस्थान ने दवाओं की खरीद बंद कर दी है. इस कारण राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी हो गई है. समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ रही है.

Govt Medical College Nanded

महाराष्ट्र: नांदेड़ में शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 12 नवजात शिशु भी शामिल हैं. इस घटना से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया और मामले की जांच की मांग कर रहें हैं. वहीं शिंदे सरकार ने मामले पर जांच के आदेश दे दिए हैं.

आरोप है कि हाफकिन प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं परीक्षण संस्थान ने दवाओं की खरीद बंद कर दी है. इस कारण राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी हो गई है. समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ रही है. VIDEO: 2 सेकेंड में मौत! फ्रिज खोलते समय 4 साल की बच्ची को लगा करंट, दर्दनाक हादसा CCTV में कैद

इस घटना से नांदेड़ में सनसनी फैल गई है और इस मामले की जांच की मांग की जा रही है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी अस्पताल पहुंचे. उन्होने कहा कि स्थिति चिंताजनक और गंभीर है. सरकार को तत्काल सहायता प्रदान करनी चाहिए. लगभग 70 अन्य लोगों की हालत गंभीर है."

उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं. हम सरकार से मरीजों को दवाई और सुविधा उपलब्ध कराने की मांग करते हैं. इस घटना के लिए अस्पताल प्रशासन और सरकार जिम्मेदार है.

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना को लेकर सवाल खड़े किए और शिंदे सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हो गई. यह और भी गंभीर और चौंकाने वाली बात है कि इसमें 12 नवजात भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि समय पर दवा ना मिलने के कारण मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हाफकिन द्वारा दवाओं की खरीद बंद करने से राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी हो गयी है. मुंबई के कई सरकारी और नगर निगम अस्पतालों में दवाओं का यही हाल है.

 

आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्य भर में निर्दोष लोगों को दवा की कमी के चलते ये सब भुगतना पड़ रहा है. हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई, पत्र लिखे, केईएम अस्पताल पर मार्च भी किया, लेकिन शिंदे सरकार चुप रही! ये ठाणे में हुआ, अब नांदेड़ में हुआ... देरी, उपेक्षा और उदासीनता के कारण बार-बार महाराष्ट्र के लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है... ऐसा कितनी बार होने दिया जाएगा?

बता दें कि इससे पहले अगस्त में महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत का मामला सामने आया था.

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