नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर में भारतीय सेना ने गुरुवार को एक बड़ी आतंकी साज़िश को नाकाम कर दिया है. बांदीपोरा जिले के गुरेज़ सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को सेना ने एक मुठभेड़ में मार गिराया है. सेना ने बताया है कि इलाके में ऑपरेशन अभी भी जारी है.
कैसे हुई यह कार्रवाई?
यह मुठभेड़ 'ऑपरेशन नौशेरा नार IV' के तहत नौशेरा नार इलाके के पास हुई. सेना के सतर्क जवान सीमा पर निगरानी कर रहे थे, तभी उन्होंने कुछ घुसपैठियों के एक समूह को भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए देखा. जब जवानों ने उन्हें ललकारा, तो आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.
इसके जवाब में सेना ने भी असरदार जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए. सुबह होते ही, सेना ने यह पक्का करने के लिए इलाके में एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया कि वहां कोई और घुसपैठिया तो नहीं छिपा है. तलाशी के दौरान मारे गए दोनों आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं.
OP NAUSHERA NAR IV, Bandipora
Based on intelligence provided by JKP regarding likely infiltration attempt, a joint operation was launched by #IndianArmy and @JmuKmrPolice in Gurez Sector. Alert troops spotted suspicious activity and challenged, which resulted in terrorists… pic.twitter.com/Jd6e1uHdpd
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) August 28, 2025
सेना ने क्या कहा?
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में इस ऑपरेशन की जानकारी दी. सेना ने बताया, "जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर गुरेज़ सेक्टर में भारतीय सेना और पुलिस ने एक जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया. सतर्क जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और उन्हें चुनौती दी, जिसके बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. सैनिकों ने प्रभावी गोलीबारी के साथ जवाब दिया, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए. ऑपरेशन अभी जारी है."
हाल की अन्य सफलताएं
यह इस महीने सुरक्षाबलों की कोई पहली बड़ी कामयाबी नहीं है. इसी महीने की शुरुआत में 'ऑपरेशन अखल' के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था और एक जवान घायल हो गया था. उस पूरे ऑपरेशन में कुल छह आतंकी मारे गए थे.
2 अगस्त को भी सुरक्षाबलों ने अखल के जंगली इलाके में तीन आतंकियों को ढेर किया था. यह ऑपरेशन 1 अगस्त को खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू हुआ था. मारे गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े थे. इसी आतंकी समूह ने पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी.













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