Birthday Special: देशभक्ति और जज्बे की मिसाल है मनोज कुमार के ये टॉप 10 डायलॉग्स
देशभक्ति के साथ ही जिंदगी की सच्चाई और मानवता के दर्शन कराती है मनोज कुमार के ये डायलॉग्स
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार आज 80 साल के हो गए हैं. अपने फिल्मी करियर में उन्होंने कई सारी फिल्मों में काम किया. ये फिल्में मात्र मनोरंजन के लिए न रहकर उनकी पहचान भी बन गई. उन्होंने अपनी फिल्मों से त्याग, परिश्रम, सच्ची श्रद्धा और देशभक्ति का संदेश अपने दर्शकों को दिया. अपने देश के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना को देखते हुए उन्हें 'भारत कुमार' कहकर संबोधित किया जाने लगा.
आज उनके 80 वें जन्मदिन पर हम आप के लिए उनकी फिल्मों से कुछ ऐसे ही डायलॉग्स लेकर आए हैं जो आपको न सिर्फ प्रेरित करेंगे बल्कि आपको देशभक्ति का एहसास भी कराएंगे.
"इंसान इस दुनिया में चार दिन की जिंदगी गुजारने आता है...लेकिन चालीस दिन का गम उसे घेरा रहता है"
"अपने यहां की मिटटी की खुशबू है ना...वो तो अजनबी लोगों की सांसों में भी संस्कार भर देती है"
"जमीन तो मां होती है..और मां के टुकड़े नहीं किए जाते हैं"
"जुल्म और झूट की डाल पर एक बार फल लगता है...दुबारा नहीं."
"विश्वास एक ऐसा बंधन है जो एक इंसान को दूसरे इंसान के करीब लाता है"
"खरबूजा...खरबूजे को देखकर रंग बदलता है"
"दुनिया एक बर्बादी की जड़ है...एक इंसान को दूसरे इंसान पर हुकूमत करने का शौक है"
"सच जो किसी की जान ले ली...उससे बेहतर वो झूट जो किसी को मौक के मूंह से बचा ले"
"देशवासी के सीना पर गोली पार नहीं जाती...वापस जाती है"
"दुनिया अभी तक वो बंदूक नहीं बना सकी जो सच्चाई का खून कर सके"