Shocking: डॉक्टर का खुलासा, इस वजह से गई हंसराज हाथी की जान
दिल का दौरा पड़ने के कारण 9 जुलाई, सोमवार को कवी कुमार आजाद का निधन हो गया
सब टीवी के सबसे पसंदीदा शोज में से एक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में डॉक्टर हाथी का किरदार निभाने वाले कवी कुमार आजाद का 9 जुलाई, सोमवार को मुंबई के मीरा रोड स्थित एक अस्पताल में दिल दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया. इस खबर से उनके साथ काम करने वाले कलाकार, क्रू मेंबर्स समेत उनके फैंस के बीच शोक का माहौल है. जानकारी के अनुसार, आजाद का बढ़ता वजन उनके लिए नुकसानदेह साबित हुआ है. इसके लिए उनके डॉक्टरों ने उन्हें चेतावनी भी दी थी लेकिन मनोरंजन जगत में काम पाने की खातिर उन्होंने इस बात को नजरअंदाज किया.
कवी कुमार आजाद को दी गई थी सर्जरी की सलाह
स्पॉटबॉय से बातचीत में कवी कुमार आजाद के डॉक्टर मफी लकड़ावाला ने बताया कि करीब 8 साल पहले उन्होंने उनका ऑपरेशन किया था. उस समय आजाद का वजन करीब 265 किलो था. एक बार शो के सेट पर उन्हें चक्कर आ गया और तब उन्हें डॉक्टर मफी के पास लाया गया था. उस समय डॉक्टर ने उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी की सलाह दी थी. आजाद की डॉक्टर के साथ कई बार मुलाकात हुई लेकिन सर्जरी को लेकर वो उनके पास नहीं गए. मफी ने ये भी बताया कि आजाद के बढ़ते वजन के साथ उन्हें काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. वो ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे थे और उन्हें 10 दिनों तक वेंटीलेटर पर रखा गया था. इसके बाद सर्जरी के जरिए उनका वजन घटकर 140 किलो कर दिया गया और वो अपने काम पर लौटकर एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत करने लगे.
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रोजगार की खातिर आजाद ने सेहत के साथ किया समझौता
डॉक्टर मफी ने ये भी बताया कि चेकअप के लिए आजाद अक्सर अपने पिता या फिर भाई के साथ आया करते थे. उस समय मफी ने उनकी दूसरी सर्जरी का प्लान किया था जिससे उनका वजन 90 किलो तक घटा दिया जाता. इसके बाद उन्हें वजन संबंधित शिकायत नहीं होती और सिर्फ अपनी सेहत का ख्याल रखना पड़ता. लेकिन आजाद ने उनकी बात नहीं मानी. उनका कहना था कि वो इसी तरह मोटे रहना चाहते हैं ताकि उन्हें फिल्म और टीवी शोज में काम मिलता रहे. आजाद को डर था कि अगर वो पतले हो गए तो उन्हें काम नहीं मिलेगा. इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी कि वो पैडिंग के जरिए मोटे लग सकते हैं लेकिन इसपर सवाल करते हुए आजाद ने कहा कि चेहरे पर वो भला कैसे पैडिंग करेंगे? इस तरह से आजाद ने अपनी जिंदगी को खतरे में बनाए रखा.
इसी बीच उन्होंने एक बार फिर अपना वजन 20 किलो तक बढ़ा लिया था और करीब 160 किलो के हो गए थे. इस पर डॉक्टर ने उन्हें फिर से चेतावनी दी लेकिन वो अपनी बात पर बने और कहा कि वो हैंडसम नहीं हैं इसलिए कम वजन के साथ उन्हें इंडस्ट्री में कोई काम नहीं देगा. इस प्रकार से आजाद ने अपनी सेहत के साथ काफी लापरवाही बरती. मफी ने कई बार आजाद को फोन किया लेकिन वो केवल उन्हें ये दिलासा देते रहे कि वो जल्द ही ऑपरेशन कराने आएंगे हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया.
अंत में आजाद के निधन पर दुख जताते हुए डॉक्टर मफी ने कहा कि अगर वो अपनी दूसरी सर्जरी करा लेते तो शायद उनकी जिंदगी बच जाती. एक डॉक्टर होने के नाते मरीज के साथ एक भावनात्मक रिश्ता जुड़ जाता है और आजाद के साथ भी उनका नाता कुछ वैसा ही था.