Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani Review: Ranveer Singh-Alia Bhatt की जबरदस्त केमिस्ट्री है फिल्म की जान, पर ये खामियां पड़ी भारी

करण जौहर की फिल्में काफी फिल्मी होती हैं, यह हर कोई जानता है, 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' भी उनमें से एक है. पर फैमिली एंटरटेनिंग पर सीमित न रहते हुए इस फिल्म में ज्यादा से ज्यादा ज्ञान देने की कोशिश की गई है.

Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani (Photo Credits: Instagram)

Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani Review: करण जौहर ने 'ऐ दिल है मुश्किल' के बाद यानी 7 साल के बाद एक बार फिर निर्देशन की कुर्सी संभाली है. जी, हां आज उनकी मोस्ट अवेटेड फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म फैमिली एंटरटेनर है, जो काफी हद तक आपको एंटरटेन करेगी. पर कुछ बातों का और खयाल रखा गया होता तो फिल्म और भी बेहतर बन सकती थी. फिल्म में रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, धर्मेंद्र, शबाना आजमी, जया बच्चन, चूर्णी गांगुली, तोता रॉय चौधरी, आमिर बशीर और क्षिति जोग भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. Ranveer Singh ने फोटोग्राफर और वीडियो ग्राफर को लगाया गले, यूजर्स हुए भावुक (Watch Video)

फिल्म की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में रॉकी (Ranveer Singh) के फ्लोर तोड़ डांस के साथ होती है, जिसमें आपको कुछ सरप्राइज भी देखने मिलेंगे. रॉकी, रंधावा (पंजाबी) फैमिली से आता है. जो अशिक्षित और अनऑर्गनाज्ड है पर दिल का सच्चा और अच्छा है. दादी (Jaya Bachchan) खड़ूस तो वहीं दादा कंवल रंधावा (Dharmendra) में मुंडे की जान बसती है. मां कोमल हृदय तो पिता अपनी मां का कठपुतली. चलिए अब रानी (Alia Bhatt) के परिवार की तरफ नजर डाल लेते हैं. रानी एक टीवी जर्नलिस्ट है और पूरी तरह से मुहफट है. लोगों को ज्ञान देने में जरा भी पीछे नहीं हटती. रानी की दादी जामिनी (Shabana Azmi) काफी फिल्मी और सुशिक्षित हैं. वहीं मां और पिता भी सुशिक्षित हैं. पिता एक उम्दा लेवल के कत्थक डांसर और टीचर हैं वहीं, अंग्रेज चले गए पर रानी की मां को अंग्रेजी की जिम्मेदारी देकर गए. अब मैं आपको बताता हूं कि ये दोनों फैमिली का कनेक्शन कैसे बैठता है? दरअसल बात है 1978 की जब कंवल और जामिनी इश्क में पड़े थे और शिमला में एक हप्ता साथ में बिताया था. अब कंवल अपनी याददाश्त खो बैठे हैं और बस जामिनी का नाम जपते रहते हैं. दादा की मदद करने के लिए रॉकी आगे बढ़ता है और दादा-दादी को मिलाते-मिलाते रॉकी और रानी खुद मिल बैठते हैं और इश्क में पड़ जाते हैं. दोनों फैमिली के अलग होने का प्रेशर रानी के दिमाग मैं बैठता और शादी से पहले ये दोनों 3-3 महीनें एक दूसरे की फैमिली में बिताने का फैसला करते हैं. इस बीच कहानी में कई सारे उतार-चढ़ाव और कलेश देखने मिलते हैं.

करण जौहर की फिल्में काफी फिल्मी होती हैं, यह हर कोई जानता है, 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' भी उनमें से एक है. पर फैमिली एंटरटेनिंग पर सीमित न रहते हुए इस फिल्म में ज्यादा से ज्यादा ज्ञान देने की कोशिश की गई है जो उबाऊ हो जाता है. जैसे - पंजाबियों को अशिक्षित और अन ऑर्गनाइज्ड बताना. साथ ही ऐसा दिखाया गया है कि पंजाबी औरतें आज भी सिर ढकती हैं. जोकि पूरी तरह से सच भी नहीं है. उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं है. वहीं दूसरी तरफ बंगाली फैमिली को सुशिक्षित और वेल ऑर्गनाज्ड बताना. इसके अलावा फिल्म में नारिवाद, एक पुरुष कत्थक डांसर पर लोगों की सोच. इस तरह की कई बातें रखी गई हैं. फिल्म के साथ एक मेसेज होना बनता है, पर आप मेसेज ही मेसेज दे रहे हो, जो सटीक भी न हों तो वे तो सिर दर्द ही बन जाएंगे. साथ ही फिल्म को आधा घंटा तो आराम से कम किया जा सकता था.

एक्टिंग और कमेस्ट्री की बात करें तो रणवीर सिंह और आलिया भट्ट लाजवाब लगे हैं. रणवीर सिंह ने जहां करोल बाग के देसी लड़के का किरदार बाखूबी निभाया, वहीं आलिया भट्ट हरेक फ्रेम में बेहद गॉरजस दिखीं. सिर्फ दिखना ही नहीं एक्टिंग भी उनकी जबरदस्त नजर आई. जया बच्चन ने एक खड़ूस दादी का किरदार बाखूबी निभाया, उनके अंदर लीडिंग टैलेंट भी कूट-कूटकर नजर आया. धर्मेंद्र और शबाना आजमी को लंबे वक्त के बाद स्क्रीन पर देखना अच्छा लगता है. धर्मेंद्र के हिस्से में ज्यादा डायलॉग तो नहीं पर वे एक गाना गाकर ही समा बांध देते हैं. शबाना आजमी ने शालीनता के साथ अपना किरदार निभाया.

फिल्म के गाने 'तुम क्या मिले', 'झुमका' पहले ही हिट हैं पर इन्हें बड़े पर्दे पर देखना लाजवाब अनुभव है. खूबसूरत वीदियों और सेटअप के साथ रॉकी और रानी का रोमांस फिल्म को काफी कलरफुल बनाता है. तो बस मैं यही कहना चाहूंगा कि अगर आप करण जौहर की फिल्मों को पसंद करते हैं, तो आपको यह फिल्म भी पसंद आ ही जाएगी. कुछ खामियां जरूर हैं, जिनपर मैंने पहले ही नजर डाली है. पर हां रणवीर और आलिया आपको किसी तरह से भी निराश नहीं करने वाले हैं.

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