मेरी फिल्म मेकिंग प्रोसेस बदल रही है : अनुराग कश्यप

अनुराग कश्यप की फिल्म 'चोक्ड : पैसा बोलता है' में डिमॉनेटाइजेशन (नोटबंदी) ने एक अभिन्न भूमिका निभाई है. फिल्म निर्माता का कहना है कि इसने उन्हें पैसे और शादी की कहानी को एक सहज तरीके से जोड़ने में मदद की. फिल्म निर्माता ने कहा, "चोक्ड : पैसा बोलता है

अनुराग कश्यप (Image Credit: Instagram)

अनुराग कश्यप की फिल्म 'चोक्ड : पैसा बोलता है' में डिमॉनेटाइजेशन (नोटबंदी) ने एक अभिन्न भूमिका निभाई है. फिल्म निर्माता का कहना है कि इसने उन्हें पैसे और शादी की कहानी को एक सहज तरीके से जोड़ने में मदद की. फिल्म निर्माता ने कहा, "चोक्ड : पैसा बोलता है हमेशा से एक ग्रेट आइडिया और एक अच्छी स्क्रिप्ट थी लेकिन 'एक्स-फैक्टर' की कमी थी. डिमॉनेटाइजेशन ने इसे एक साथ बांधने का काम किया."

फिल्म बनाने के संदर्भ में कश्यप ने आईएएनएस से कहा, "फिल्म पर काम करना एक अच्छी प्रोसेस रही. यह एक लंबा इंतजार था. इसकी शुरुआत साल 2015 में एक स्क्रिप्ट के साथ हुई थी. उस समय, कोई डिमॉनेटाइजेशन नहीं हुआ था और जब यह हुआ, तो इसे स्क्रिप्ट में शामिल किया जाना ही था और इसलिए हमने स्क्रिप्ट को फिर से लिखा." यह भी पढ़े: फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने दिया बयान, कहा- मेरी फिल्म मेकिंग प्रोसेस बदल रही है

उन्होंने आगे कहा, "निहित भावे इस पर काम करते रहे. सैयामी खेर साल 2017 में आईं और रोशन मैथ्यू 2018 में आए. हमने फिल्म की शूटिंग 2019 में की." गौरतलब है कि भारत सरकार ने वर्ष 2016 में काले धन को बाहर निकालने, नकली नोटों को खत्म करने और आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए डिमॉनेटाइजेशन (नोटबंदी) कर 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का फैसला किया था. यह भी पढ़े: अनुराग कश्यप अपनी फिल्मफेयर ट्रॉफी करेंगे नीलाम, जमा राशि से कोविद-19 टेस्ट किट्स का करेंगे इंतजाम

इस निर्णय के बाद देश के बैंकों में लंबी-लंबी कतारें लग गईं थीं, लोग पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने के लिए अलग-अलग तरीकों की तलाश कर रहे थे और शादी जैसे कई बड़े आयोजनों में व्यवधान पैदा होने लगा था. ऐसा ही कुछ कश्यप ने सरिता पिल्लई (सैयामी) और सुशांत पिल्लई ( रोशन) की कहानी में दिखाने की कोशिश की है.

फिल्म मेकर ने कहा, "फिल्म हमेशा पैसे और शादी के बारे में थी, लेकिन जब हम फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, तब ही डिमॉनेटाइजेशन हुआ और इसे फिल्म का एक हिस्सा बनना ही था, और उस अवधि में फिल्म को रखना दिलचस्प था, ताकि यह पूरी तरह से बेतुका न हो और यह अधिक मीनिंगफुल लगे. डिमॉनेटाइजेशन के कारण फिल्म को अचानक एक अच्छा आधार मिल गया."

'चोक्ड : पैसा बोलता है' एक मध्यवर्गीय गृहिणी की कहानी है. डिमॉनेटाइजेशन कैसे उसके जीवन को बदल देता है इस पर यह कहानी है. साथ ही यह इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि वह कैसे अपने बेरोजगार पति की मदद कर रही है.

'ब्लैक फ्राइडे', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'देव डी' और 'अग्ली' जैसी फिल्मों के लिए चर्चित फिल्म निर्माता ने दावा कर कहा, "इस फिल्म के साथ आम तौर पर जो मैं फिल्मों के साथ करता हूं, उससे दूर जाने की कोशिश कर रहा था." कश्यप ने कहा, "मेरी फिल्म मेकिंग प्रोसेस भी बदल रही है, क्योंकि पिछली तीन फिल्में जो मैंने की उन में आइडिया किसी और को आया मुझे नहीं और वास्तव में यह कभी-कभी एक बड़ी मदद है." 'चोक्ड : पैसा बोलता है' 5 जून से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होगी.

Share Now

\