पूर्व सेंसर बोर्ड अध्यक्ष Pahlaj Nihalani को बाहर का खाना खाने के बाद हुई खून की उल्टी, 28 दिन अस्पताल में रहने के बाद बची जान
पूर्व सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने बताया कि बाहर का खाना खाने के चलते उन्हें खून की उल्टी हुई जिसके बाद उन्हें 28 दिनों तक अस्पताल में रहकर अपना इलाज कराना पड़ा. उन्होंने बताया कि उन्होंने बाहर से खाना मंगवाया था जोकि खराब था और इसके चलते उनकी सेहत काफी बिगड़ गई थी.
पूर्व सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी (Pahlaj Nihalani) ने बताया कि बाहर का खाना खाने के चलते उन्हें खून की उल्टी हुई जिसके बाद उन्हें 28 दिनों तक अस्पताल में रहकर अपना इलाज कराना पड़ा. उन्होंने बताया कि उन्होंने बाहर से खाना मंगवाया था जोकि खराब था और इसके चलते उनकी सेहत काफी बिगड़ गई थी. इस मामले में अब वो उस होटल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की पहल करेंगे.
बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट में पहलाज निहलानी ने बताया कि उनकी आनेवाली फिल्म की यूनिट के कुछ सदस्य उनके घर आए थे और क्योंकि घर में खाना कम था तो उन्होंने उन सभी के लिए बाहर से खाना मंगवाया. आमतौर पर वो घर में बना खाना ही पसंद करते हैं और नॉन-वेग फूड में केवल चिकन खाते हैं. यूनिट के जोर देने पर उनका दिल रखने के लिए वो उनके साथ ऑर्डर किया हुआ खाना खाने बैठे. उस समय उन्हें महसूस हुआ कि खाने में कुछ गड़बड़ है लेकिन सभी ने उन्हें आश्वासन दिया कि खाना बिलकुल ठीक है.
पहलाज ने बताया कि उस खाने को खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें उल्टियां शुरू हो गईं. इसके बाद रात को करीब 3 बजे उन्हें खून की उल्टियां शुरू हो गईं. इसके बाद उन्होंने फौरन अपने बेटे को बुलाया और उन्हें नानावटी अपस्ताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने 28 दिन गुजारे. महामारी के चलते उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया और वें वीडियो कॉल के जरिए अपनी पत्नी से बात करते थे.
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कड़ी मशक्कत के चलते उन्हें मौत के मुंह से बाहर निकाला जा सकता. इस दौरान उनके शुभचिंतकों को इस बात की चिंता थी कि कहीं उन्हें कोविड तो नहीं. उन्होंने बताया कि वो कोरोना संक्रमित नहीं थे और अपने परिवार और डॉक्टरों की मदद के चलते बच पाए हैं.
पहलाज निहलानी ने जानकारी दी कि उनके इस मुसीबत के समय में शत्रुघ्न सिन्हा ने लगातार उनकी सेहत का जायजा लिया और अस्पताल उनसे मिलने भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि वो उस होटल को कोर्ट में घसीटेंगे क्योंकि ये उनके जीवन का आखिरी खाना भी हो सकता था.