Article 15 Movie Review: समाज से गहरे सवाल पूछती है आयुष्मान खुराना की ये फिल्म, अनुभव सिन्हा का बेहतरीन निर्देशन

भारतीय संविधान का आर्टिकल 15 कहता है कि किसी भी तरह का भेदभाव गुनाह है. आयुष्मान खुराना की फिल्म का मुद्दा भी यही है. आयुष्मान ने पूरी शिद्दत के साथ अपने रोल को निभाया है. आर्टिकल' 15 का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है और उनका काम काबिले तारीफ है. हम इस फिल्म को 4 स्टार्स देना चाहेंगे

फिल्म 'आर्टिकल 15' का रिव्यू (Photo Credits: File Image)

Article 15 Movie Review: भारतीय संविधान का आर्टिकल 15 (Article 15) कहता है कि किसी भी तरह का भेदभाव गुनाह है. आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म का मुद्दा भी यही है. फिल्म 'आर्टिकल 15' सोचने पर मजबूर करती है और समाज से गहरे सवाल भी पूछती है. हमारे देश को इस प्रकार की फिल्मों की सख्त आवश्यकता है. हम इन फिल्मों से उम्मीद लगा सकते हैं कि ये समाज की विचारधारा बदलने में सफल होगी. 'आर्टिकल' 15 का निर्देशन अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने किया है और उनका काम काबिले तारीफ है. फिल्म में ईशा तलवार, सयानी गुप्ता और मोहम्मद जीशान अयूब जैसे कलाकर भी अहम रोल में है.

कहानी: अयान (आयुष्मान खुराना) एक आईपीएस ऑफिसर है और उनकी पहली पोस्टिंग एक गांव में कर दी जाती है. गांव के लोगों का बर्ताव देखकर अयान हैरान रह जाता है क्योंकि वहां पर जाति के आधार पर भेदभाव होता है. अयान को समझ नहीं आता कि उसका देश किस ओर जा रहा है. इसी बीच गांव में एक चौंकाने वाली घटना होती है. दो लड़कियों की हत्या कर दी जाती है और उनकी लाशों को पेड़ से लटका दिया जाता है. अयान इस केस को सुलझाने में जुट जाता है पर उसकी राह मुश्किलों से भरी हुई होती है. इसके अलावा वह गांव के लोगों की विचारधारा बदलने की कोशिश भी करता है. फिल्म एक गंभीर मुद्दे पर आधारित होने के बावजूद भी काफी मनोरंजन करती है. बीच में ऐसे कई वन लाइनर्स है जो आपको खूब हंसाएंगे.

निर्देशन: अनुभव सिन्हा ने 'आर्टिकल 15' से पहले 'मुल्क' जैसी गंभीर फिल्म दर्शकों के सामने प्रस्तुत की थी. 'मुल्क' के लिए उन्हें खूब प्रशंसा मिली थी. 'आर्टिकल 15' में भी उनका निर्देशन बेहतरीन है. उन्होंने बड़े ही उम्दा ढंग से समाज की सच्चाई को बड़े पर्दे पर दर्शाया है.

अभिनय: आयुष्मान खुराना कभी भी निराश होने का मौका नहीं देते हैं. बाकी फिल्मों के मुकाबले इस बार उनका किरदार काफी अलग था मगर उन्होंने पूरी शिद्दत के साथ इस रोल को निभाया है. मोहम्मद जीशान अयूब और सयानी गुप्ता का अभिनय भी लाजवाब है. ईशा तलवार ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया है.

म्यूजिक: फिल्म में ज्यादा गानें नहीं हैंअंत में 'शुरू करें क्या' नामक एक रैप सॉन्ग है जो आपको पसंद आ सकता है.'आर्टिकल 15' का बैकग्राउंड स्कोर काफी बढ़िया है और कहानी की पेस को बरकरार रखने में मदद करता है.

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फिल्म की खूबियां:

1.आयुष्मान खुराना का लावाजब अभिनय

2. अनुभव सिन्हा का शानदार निर्देशन

3.फिल्म का विषय

4.सपोर्टिंग कास्ट का उम्दा काम

फिल्म की खामी: फिल्म की रफ्तार कुछ जगहों पर थोड़ी धीमी हो जाती है

कितने स्टार्स ?

आयुष्मान खुराना की ये फिल्म दर्शकों को प्रभावित करने में जरुर सफल होगी. साथ ही इससे लोगों की विचारधारा पर एक सकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है. हम इस फिल्म को 4 स्टार्स देना चाहेंगे.

Rating:4out of 5
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