देश की खबरें | योगी ने उठाए उमर खालिद के पिता की सपा अध्यक्ष से मुलाकात पर सवाल
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लखनऊ, 21 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी छात्र नेता उमर खालिद के पिता की हाल में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात को लेकर बृहस्पतिवार को सवाल उठाए।
योगी ने यहां आयोजित एक सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में कहा, "विपक्षी दल किसी भी हद तक जा सकते हैं। आपने देखा होगा कि अभी हाल ही में एक दल के साथ मिलने के लिए कौन आया था.... उमर खालिद का पिता। वह उमर खालिद जो कहता है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे। वह व्यक्ति (खालिद का पिता) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष से मिलने के लिए आता है और उनको आश्वस्त करता है कि चिंता मत करो, हम साजिश रच रहे हैं।"
उन्होंने सम्मेलन में मौजूद लोगों से कहा, "आप कल्पना करिए कि अगर ये लोग आएंगे तो क्या करेंगे।"
गौरतलब है कि वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद कासिम रसूल इलियास ने गत दो अक्टूबर को सपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान उनके साथ संगठन के कई पदाधिकारी भी मौजूद थे। इलियास दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों में आरोपी छात्र नेता उमर खालिद के पिता हैं। उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में सपा को समर्थन देने का ऐलान किया है।
खालिद दिल्ली हिंसा को लेकर पिछले करीब एक साल से जेल में बंद है। इससे पहले वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित राष्ट्र विरोधी नारे लगाने को लेकर चर्चा में आया था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दंगे हुए थे जिनमें 53 लोगों की मौत हुई थी। खालिद पर दंगे भड़काने और भड़काऊ भाषण देने समेत कई आरोप हैं।
योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस की सरकार रही हो, सपा या फिर बसपा की। इन लोगों ने जातिवाद के नाम पर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करके प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का कार्य किया था। इन्होंने प्रदेश को माफियाओं के सामने गिरवी रखने का काम किया था और जब आप सबके आशीर्वाद से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तब न केवल सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया बल्कि आज कोई माफिया तत्व सिर उठाकर नहीं चल सकता।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम सबको हमेशा ध्यान रखना होगा कि जिन लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए समाज को बांटा है, उसकी अपूरणीय क्षति की है, उसके सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न किया है, उन लोगों को समाज ने आने वाले समय में इतिहास के गर्त में डालने में भी कोई संकोच नहीं किया। यह हम सबके सामने उदाहरण है।"
उन्होंने कहा, ‘‘हर एक व्यक्ति को अपने देश पर गर्व करना चाहिए तथा जातिवाद से बचते हुए राष्ट्रवाद को हम बढ़ावा देंगे तो देश और समाज दोनों को ही कल्याण के पथ पर अग्रसर कर पाएंगे।’’
योगी ने कहा कि सपा के शासनकाल में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में दो महीने के अंदर डेढ़ हजार बच्चों की मौत हुई थी लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री हालचाल लेने तक नहीं पहुंचे थे।
कोविड-19 महामारी से बेहतर तरीके से लड़ने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर तंज किया, "दुर्भाग्य से अगर यह महामारी कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में आई होती तो सोचिए क्या होता। भाई-बहन (कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) इटली भाग गए होते। भारत में नजर नहीं आते। सपा की सरकार में बीमारी आई होती तो चाचा और भतीजे (सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव) में होड़ लग गई होती कि कौन कितना ज्यादा हड़प ले। किस माफिया को कहां ठेका दिलवा दें और बहन जी (बसपा अध्यक्ष मायावती) के समय में अगर महामारी आई होती तो समझिए कि तब तो भगवान ही मालिक होता।"
योगी ने कहा, "आज जब इस महामारी के खिलाफ लड़ाई को देश में आगे बढ़ाने की बात आई तो आप सबने देखा होगा कि कैसे एक-एक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का व्यवस्थित अभियान चलाया गया। हमें इस बात पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए कि आज देश टीके की 100 करोड़ खुराक देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।"
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