श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर तुच्छ राजनीति नहीं करिये : रेलवे यूनियन ने सोनिया गांधी से कहा
एआईआरएफ ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान यात्रा करना खतरनाक है लेकिन रेल कर्मचारी अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बना रहे हैं।
नयी दिल्ली, सात मई ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराये को लेकर ‘तुच्छ राजनीति’ में संलिप्त होने से बचने की अपील करते हुए कहा कि स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ लगने को रोकने के लिये रेलवे टिकट के पैसे ले रही है।
एआईआरएफ ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान यात्रा करना खतरनाक है लेकिन रेल कर्मचारी अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बना रहे हैं।
फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं 115 स्पेशल ट्रेनों से घर लौटने में प्रवासियों की मदद करने वाली एक अच्छी प्रणाली को तुच्छ राजनीतिक फायदों के लिये खराब नहीं करने का अनुरोध करता हूं।’’
उनका कहना था कि रेलवे स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ जमा होने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है।
रेलवे देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिये एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है।
विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर प्रवासी कामगारों की इन यात्राओं के लिये टिकट के पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।
हालांकि, सरकार ने कहा है कि किराये का 85 प्रतिशत हिस्सा रेलवे वहन कर रहा है जबकि शेष 15 प्रतिशत रकम राज्य सरकारें दे रही हैं, जिनके अनुरोध पर उनके राज्य के लिये स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है।
एआईआरएफ ने कहा कि स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ लगने को रोकने के लिये रेलवे टिकट के पैसे ले रही है।
रेलवे ने बुधवार तक, 1.35 लाख प्रवासी कामगारों को 140 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उनके घर पहुंचाया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)