प्रवासी कामगारों की आवाजाही के लिये मानक प्रक्रिया पर काम जारी : केजरीवाल
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह भी प्रवासी कामगारों, छात्रों, पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की आवाजाही के तौर तरीकों को लेकर अन्य राज्यों के साथ संपर्क में है।
दिल्ली, 30 अप्रैल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोटा में फंसे प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं और इसके साथ ही दिल्ली पुलिस तथा प्रदेश सरकार प्रवासी कामगारों की आवाजाही के तौर-तरीकों को लेकर भी काम कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह भी प्रवासी कामगारों, छात्रों, पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की आवाजाही के तौर तरीकों को लेकर अन्य राज्यों के साथ संपर्क में है।
केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “दिल्ली सरकार कोटा से छात्रों को जल्द वापस लाने के लिये इंतजाम कर रही है।”
महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत कई अन्य राज्यों ने भी कोटा में फंसे अपने राज्य के बच्चों को निकालने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र से राज्य परिवहन निगम की 70 बसें बुधवार को कोटा से छात्रों को वापस लाने के लिये रवाना हुईं। चिकित्सा और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिये कोटा एक प्रमुख केंद्र है।
प्रवासी कामगारों और अन्य फंसे हुए लोगों की आवाजाही के संदर्भ में दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी मंदीप सिंह रंधावा ने कहा, “दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस तौरतरीकों और मानक संचालन प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हम अन्य राज्यों के स्थानीय आयुक्तों के साथ नियमित संपर्क में हैं। गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक लोगों को अपना पंजीकरण कराना होगा जिससे अपने गृह प्रदेश के लिये उनके आवागमन को नियमित किया जा सके।”
वहीं दिल्ली सरकार ने राज्यों से उनके उन प्रवासी कामगारों का विवरण मांगा है जो दिल्ली में फंसे हुए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार ने कहा कि उनके पैतृक स्थान पर रवाना होने से पहले सरकार उनकी जांच का इंतजाम करेगी।
एक अधिकारी के मुताबिक, सरकार चिकित्सा शिविर लगाएगी जहां प्रवासी कामगार और अन्य लोग जो यहां फंसे हुए हैं, अपनी जांच करा सकेंगे।
दिल्ली में बुधवार तक कोविड-19 संक्रमण के 3,439 मामले सामने आए थे जबकि 56 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
इस बीच दिल्ली सरकार ने दो और निजी अस्पतालों की पहचान कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिये की है। अगर बिस्तरों की कमी हुई तो मरीजों को वहां भेजा जाएगा।
दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने 30 अप्रैल को जारी किये गए आदेश में दो निजी अस्पतालों- मां दुर्गा चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल और सर गंगाराम सिटी अस्पताल- को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया जहां संक्रमण के पुष्ट मामलों या संदिग्ध मामलों के मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा।
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