Maharashtra: शिवसेना सांसद संजय राउत का बड़ा बयान, कहा- हेराल्ड मामले में जवाहरलाल नेहरू को ईडी समन जारी कर दे तो हैरानी नहीं होगी

राउत ने कहा कि पीएम-केयर्स कोष पर भी सवाल उठाए गए और संघ परिवार के तहत कई संस्थानों द्वारा कुछ वित्तीय लेनदेन को अंजाम दिया गया. राउत ने कहा, ‘‘मामले को इतना आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं थी. नेहरू द्वारा शुरू की गई विरासत को जीवित रखने के लिए कांग्रेस ने कुछ वित्तीय सौदे किए होंगे. इस तरह के लेन-देन संघ परिवार के तहत कई संस्थानों द्वारा किए जाते हैं.’’

शिवसेना सांसद संजय राउत (Photo Credits ANI)

मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार (Central Government) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय (ED) नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के खिलाफ समन जारी कर दे और उनके स्मारक पर नोटिस चिपका दे तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा. भाजपा दिखावे के लिए करती है धार्मिक शख्सियतों के अपमान की निंदा: उमर अब्दुल्ला

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ में राउत ने कहा कि ‘नेशनल हेराल्ड’ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेहरू द्वारा बनाए गए ‘हथियार’ की तरह था न कि संपत्ति की तरह. ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने भाजपा पर तंज कसते हुए पूछा, ‘‘आज की राजनीति में व्यापारी इसे कब समझेंगे?’’

ईडी ने हाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को धन शोधन की जांच के सिलसिले में समन जारी किया था. यह मामला कांग्रेस द्वारा समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसके पास ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार का मालिकाना हक है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है. राउत शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता हैं.

राउत ने कहा कि नेहरू द्वारा शुरू किया गया ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार बहुत पहले अपना राजनीतिक महत्व खो चुका था लेकिन इस पर राजनीति जारी है. राउत ने कहा, ‘‘जब जवाहरलाल नेहरू ने 1937 में इस अखबार की शुरुआत की थी, तब महात्मा गांधी, वल्लभभाई पटेल और नेहरू खुद इसके स्तंभ थे. अंग्रेज इस अखबार की तथ्यात्मक रिपोर्टिंग से डरते थे और 1942 से 45 के बीच इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.’’

उन्होंने कहा कि अखबार को आर्थिक फायदे के लिए शुरू नहीं किया गया था, लेकिन ईडी ने इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को धन शोधन के आरोप में तलब किया है. राउत ने कहा कि नेहरू की आत्मा ‘नेशनल हेराल्ड’ में बसती थी और उन्होंने पत्रकारों से बेखौफ अपना काम करने को कहा था.

राउत ने नेहरू को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘जब किसी ने कहा कि (नेशनल हेराल्ड) अखबार कांग्रेस का मुखपत्र होने के बावजूद कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया है, तो नेहरू नाराज हो गए और पूछा ‘आप मुझसे क्या चाहते हैं? संपादक को बुलाऊ और उनको सभी की प्रशंसा करने के लिए कहूं? केवल तारीफ करने वाले संपादक का क्या फायदा.’’

‘सामना’ और ‘नेशनल हेराल्ड’ के बीच समानताएं बताते हुए राउत ने कहा कि दोनों समाचार पत्र संपत्ति नहीं हैं बल्कि विचारों और सिद्धांतों के वाहक हैं. राउत ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं के साथ नेशनल हेराल्ड मुद्दे पर चर्चा की थी.

राउत ने कहा कहा, ‘‘मामला केवल एक ऋण चुकाने से संबंधित है जिसे धन शोधन नहीं कहा जा सकता है. आश्चर्य नहीं होगा यदि ईडी मामले में नेहरू को समन जारी कर दे और उनके स्मारक पर नोटिस चिपका दे.’’

राउत ने कहा कि पीएम-केयर्स कोष पर भी सवाल उठाए गए और संघ परिवार के तहत कई संस्थानों द्वारा कुछ वित्तीय लेनदेन को अंजाम दिया गया. राउत ने कहा, ‘‘मामले को इतना आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं थी. नेहरू द्वारा शुरू की गई विरासत को जीवित रखने के लिए कांग्रेस ने कुछ वित्तीय सौदे किए होंगे. इस तरह के लेन-देन संघ परिवार के तहत कई संस्थानों द्वारा किए जाते हैं.’’

शिवसेना नेता ने कहा ‘‘पीएम-केयर्स कोष और भाजपा के खजाने में जमा किए गए करोड़ों रुपये पर भी सवाल उठाए गए हैं.’’ उन्होंने कहा कि नेहरू के नेशनल हेराल्ड को ‘अपराधी’ करार दिया गया है. राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पंडित नेहरू तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी का नोटिस पहुंचने के बाद ही कुछ लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी.

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