महिला यौन संबंधों में अपने प्रजनन अधिकारों का त्याग नहीं करती: अदालत

दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला से बलात्कार करने और उसे कई बार गर्भपात के लिए मजबूर करने के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि जब एक महिला अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाती है तो वह अपने प्रजनन अधिकारों का त्याग नहीं करती.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Photo)

नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर : दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला से बलात्कार करने और उसे कई बार गर्भपात के लिए मजबूर करने के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि जब एक महिला अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाती है तो वह अपने प्रजनन अधिकारों का त्याग नहीं करती.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि स्वेच्छा से यौन संबंध बनाकर यौन स्वायत्तता का प्रयोग करने वाली महिला के बारे में यह नहीं माना जा सकता कि उसने अपने प्रजनन अधिकारों के उल्लंघन के लिए भी सहमति दे दी है. आरोपी शुभम सिंह को राहत देने से इनकार करते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि कई गर्भधारण और गर्भपात के माध्यम से प्रजनन स्वायत्तता का उल्लंघन करने का कार्य सहमति के तत्व को छीन लेता है जो कि यौन कृत्य के लिए ही दिया गया हो सकता है. यह भी पढ़ें : Petrol-Diesel Price: लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे ईंधन के दाम, जानें आपके शहर का भाव

अदालत ने 30 सितंबर के अपने आदेश में कहा कि एक महिला जब अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाती है तो वह अपने अन्य अधिकारों का त्याग नहीं करती है, जिसमें प्रजनन अधिकार भी शामिल है.

जोहेब सिम्मी

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