जरुरी जानकारी | थोक मुद्रास्फीति जून में घटकर तीन महीने के निम्न स्तर 15.18 प्रतिशत पर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. खनिजों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण जून, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर तीन महीने के निम्न स्तर 15.18 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी बनी हुई है।

नयी दिल्ली, 14 जुलाई खनिजों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण जून, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर तीन महीने के निम्न स्तर 15.18 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी बनी हुई है।

थोक मुद्रास्फीति अप्रैल, 2021 से लगातार 15वें माह 10 प्रतिशत से ऊंची बनी हुई है। पिछले महीने थोक मुद्रास्फीति 15.88 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी। वहीं, जून, 2021 में यह 12.07 प्रतिशत थी।

आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.39 प्रतिशत रही। मई में यह 12.34 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई बढ़ने की वजह फल, सब्जियों और आलू के दाम में तेजी से हुई बढ़ोतरी है।

इसी तरह समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मूल्यवृद्धि 56.75 प्रतिशत पर पहुंच गई। आलू के दाम माह के दौरान 39.38 प्रतिशत और फलों के 20.33 प्रतिशत बढ़े।

ईंधन और ऊर्जा खंड में मुद्रास्फीति 40.38 प्रतिशत, विनिर्मित वस्तुओं और तिलहन की मुद्रास्फीति 9.19 फीसदी और कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की महंगाई 77.29 फीसदी रही।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून में खनिज और मूल धातु के दाम में मासिक आधार पर तीव्र सुधार हुआ है। इसका कारण वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका बढ़ना और जिंसों के दाम में नरमी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि जुलाई 2022 में थोक मुद्रास्फीति कम होकर 13 फीसदी तक आ जाएगी। यह वैश्विक स्तर पर जिंसों और ईंधन की कीमतों तथा घरेलू स्तर पर खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी से प्रतिबिंबित होता है।’’

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