अमेरिका में श्वेतों को सर्वोच्च मानने वाली मानसिकता,घृणा अपराध के लिए कोई स्थान नहीं: राष्ट्रपति जो बाइडन
US President Joe Biden (Photo Credit : Twitter)

वाशिंगटन, 16 सितंबर : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ समझने वाली मानसिकता और अन्य समुदायों के खिलाफ घृणा के कारण होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है. बाइडन ने अमेरिका में हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं के बीच यह बात की. बाइडन ने व्हाइट हाउस द्वारा आयोजित ‘यूनाइटेड वी स्टैंड’ (हम एकजुट होकर खड़े हैं) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे पृष्ठभूमि, हमारी मान्यताएं कुछ भी हों, हम घृणा के कारण होने वाली हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हैं. आप सभी हमेशा से यह जानते हैं कि हमारे किसी एक समूह पर हमला, वास्तव में हम सभी पर हमला होता है.’’ बाइडन ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का विचार किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पढ़ा रहा था और मुझे लगता था कि मेरे लिए अध्यापन सबसे अच्छा काम है.’’

बाइडन ने कहा, ‘‘लेकिन शेर्लोट्सविल ने सब कुछ बदल दिया, क्योंकि मुझे लगता है कि हमारी कहानी एक देश और एक अमेरिका के रूप में लोगों को एकजुट करने की है.’’ श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ मानने वाले एक हमलावर ने शेर्लोट्सविल में 2017 में प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ पर कार से हमला कर दिया था. बाइडन ने कहा कि अमेरिका की विचारधारा यह है कि सभी के साथ समानता एवं गरिमा के साथ व्यवहार किया जाए और यही विचार एक समावेशी, बहुजातीय लोकतंत्र सुनिश्चित करता है और इसी विचार के कारण अमेरिका घृणा को पनाह नहीं देता. बाइडन ने कहा कि दुर्भाग्य से अमेरिका में घृणा के कारण हिंसा की घटनाएं नई बात नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न धार्मिक समूहों के खिलाफ, यहूदी विरोधी, कैथोलिक विरोधी, मॉर्मन विरोधी, मुस्लिम विरोधी, हिंदू विरोधी, सिख विरोधी हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं. साथियों, घृणा की रेखा पूरी तरह कभी नहीं मिटती. यह केवल छुप जाती है.’’ बाइडन ने कहा कि उनका प्रशासन घृणा अपराध का शिकार हुए समुदायों की मदद के लिए हर संघीय संसाधन का इस्तेमाल करेगा. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में लिया भाग

भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने हाल में बताया था कि एक पुरुष ने उन्हें फोन पर आपत्तिजनक और नफरत भरे संदेश भेजे हैं तथा उन्हें भारत लौटने की हिदायत दी है. जयपाल (55) पहली भारतीय अमेरिकी सांसद हैं, जिन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सिएटल का प्रतिनिधित्व किया. इससे पहले भी अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के खिलाफ घृणा अपराध के इस प्रकार के कई मामले सामने आ चुके हैं. कैलिफोर्निया में एक सितंबर को एक व्यक्ति ने एक भारतीय-अमेरिकी पर नस्लवादी टिप्पणी की थी. टेक्सास में एक मैक्सिकन-अमेरिकी महिला ने चार भारतीय-अमेरिकी महिलाओं के साथ 26 अगस्त को दुर्व्यवहार किया था और उनके खिलाफ नस्ली टिप्पणियां की थीं.