देश की खबरें | उत्तर प्रदेश से जब भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा : अखिलेश

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. समाजवादी पार्टी का अध्‍यक्ष लगातार तीसरी बार चुने जाने के बाद शुक्रवार को उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्‍ता से बेदखल करने के उपाय बताते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश से भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा।

लखनऊ, 30 सितंबर समाजवादी पार्टी का अध्‍यक्ष लगातार तीसरी बार चुने जाने के बाद शुक्रवार को उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्‍ता से बेदखल करने के उपाय बताते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश से भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा।

शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में विभिन्न राज्यों से आए सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘‘2024 में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए हमें आगे की लड़ाई के वास्ते तैयार रहना है और उत्तर प्रदेश इस लड़ाई में मुख्य भूमिका में होगी।''

उन्‍होंने कहा, ''जब उत्तर प्रदेश से भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा, इसके लिए हमें बूथ स्तर तक पार्टी और संगठन को मजबूत बनाना होगा तथा जनता के बीच अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों को पहुंचाना होगा।''

इससे पहले यादव ने ट्वीट कर कहा, ''आज से शुरू हो रही है --- नयी जिम्मेदारी --- अब है नए संकल्पों की तैयारी--।''

इसी ट्वीट में यादव ने संबोधन के मुद्रा की अपनी तस्वीर साझा की जिसकी पृष्ठभूमि में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का चित्र लगा हुआ है।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव को बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया ।

चुनाव अधिकारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान किया। सपा की स्थापना 1992 में अखिलेश के पिता और प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने की थी और 2017 तक वह पार्टी के अध्‍यक्ष रहे।

अखिलेश यादव के नेतृत्व की सपा सरकार (2012-2017) में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव (अखिलेश के चाचा) से विवाद के कारण पार्टी के झंडे और चुनाव निशान को लेकर अदालती लड़ाई जीतने के बाद अखिलेश यादव को एक जनवरी 2017 को आपात राष्‍ट्रीय अधिवेशन बुलाकर पहली बार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स्‍थान पर दल का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाया गया था।

इसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए राष्‍ट्रीय अधिवेशन में उन्हें विधिवत एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध्‍यक्ष चुना गया था।

बयान के अनुसार यादव ने कहा, ''भाजपा की नीतियों और अन्याय के खिलाफ संघर्ष तेज किया जाएगा।''

उन्होंने आरोप लगाया, ''भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। भाजपा की अनैतिकता इस हद तक है कि वह सत्ता का दुरुपयोग करके निर्वाचन की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को भी प्रदूषित करती है। जरूरत इस समय लोकतंत्र को बचाने के लिए समाजवादियों के जागरूक रहने की है।''

यादव ने दावा किया, ''भाजपा और निर्वाचन आयोग ने मिलकर समाजवादी पार्टी से सत्ता छीनी है। भाजपा तमाम तरह के षड़यंत्र कर रही है। वह भय, और प्रलोभन की राजनीति करती है। भाजपा सबसे भ्रष्ट पार्टी है और अहंकार में डूबी हुई है। उत्तर प्रदेश की धरती को भाजपा अपवित्र कर रही है।''

आनन्द

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