जरुरी जानकारी | पश्चिम बंगाल की 2022 में नए निवेश और बड़ी परियोजनाएं शुरू करने पर होगा निगाह

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कोलकाता, 31 दिसंबर पश्चिम बंगाल ने इस साल कोविड-19 महामारी के बावजूद अपनी विकास की रफ्तार को बनाए रखा। राज्य सरकार के लिए 2022 में बड़ी परियोजनाओं को शुरू करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी क्योंकि यह सतत आर्थिक विस्तार को लेकर औद्योगीकरण पर केंद्रित है।

कोरोना वायरस के नए मामलों में वृद्धि की वजह से बढ़ती अनिश्चिताओं के बीच पश्चिम बंगाल के लिए 2022 में दिग्गज कंपनियों के नए निवेश आकर्षित करना महत्वपूर्ण होगा।

राज्य में उद्योग को वित्तीय वर्ष 2020-21 में दर्ज 1.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। वही 2019-20 में राज्य की अर्थव्यवस्था में 3.6 फीसदी की गिरावट आई थी। शुरूआती अनुमानों के अनुसार वर्ष 2021-22 में पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था 13.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि अब तक उनकी सरकार ने सामाजिक न्याय पर जोर दिया था और अब 'उद्योग' को अधिक महत्व दिया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य सरकार के सामाजिक क्षेत्र के लिए मौजूदा खर्च के स्तर को जारी रखना एक चुनौती हो सकती है। हालांकि राजस्व संग्रह में सुधार से बढ़ते कर्ज को संतुलित करने में मदद मिलेगी।

पश्चिम बंगाल सरकार मुकेश अंबानी की रिलायंस के बाद अब अडाणी समूह से निवेश की उम्मीद कर रही है। ममता के साथ हाल में एक बैठक के दौरान अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी ने राज्य में बुनियादी ढांचे और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में निवेश की इच्छा व्यक्त की थी।

इसके अलावा राज्य के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में भी बढ़त दर्ज की गई। अक्टूबर के साथ-साथ नवंबर में भी जीएसटी संग्रह 4,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा।

वहीं भाजपा विधायक और केंद्र सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी ने आगाह किया कि वित्तीय संकट अब दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। लाहिड़ी के अनुसार राज्य का राजकोषीय घाटा 2019-20 में 36,831 करोड़ रुपये था और एक साल के भीतर यह बढ़कर 52,350 करोड़ रुपये हो गया। वर्ष 2021-22 में इसके 60,864 करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है।

हालांकि राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार के सलाहकार अमित मित्रा का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आने के बाद से राज्य ऋण एवं जीडीपी का अनुपात कम करने में सक्षम रही है।

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