नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग को तीन दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने वीवो मोबाइल इंडिया के अधिकारी कुआंग की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें निचली अदालत के हिरासत के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय का आदेश शनिवार को जारी किया गया।
न्यायाधीश ने कहा कि गिरफ्तारी और रिमांड अर्जी में जो तथ्य बताए गए हैं, उसके अनुसार याचिकाकर्ता ‘‘मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक’’ है और अपराध की आय प्राप्त करने तथा उसका विभिन्न कंपनियों के जरिये दुरुपयोग करने की गतिविधियों में शामिल था।
न्यायाधीश ने 13 अक्टूबर के आदेश में कहा, ‘‘जांच अधिकारी का निष्कर्ष है कि याचिकाकर्ता इन कंपनियों के गठन का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसके माध्यम से रकम की हेराफेरी हुई।’’
शुक्रवार को निचली अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता की ईडी हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी। दस अक्टूबर को गिरफ्तार किए याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी थी कि उसकी गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण तरीके से और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के आदेश के खिलाफ की गई थी तथा उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
ईडी ने पिछले साल जुलाई में कंपनी और उससे जुड़े व्यक्तियों पर छापा मारा था, जिसमें चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े धन शोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया गया था।
ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि ‘‘अवैध रूप से’’ चीन को अंतरित की गई थी।
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