Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में चुनावी रैलियों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के अपने चरम पर पहुँचने के बीच चुनाव आयोग की कोविड- 19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी को अनसुनी करते हुए चुनावी रैलियों में भारी तादाद में लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए बिना मास्क पहने इकट्ठा हो रहे हैं।
पटना—भागलपुर—गया, 26 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के अपने चरम पर पहुँचने के बीच चुनाव आयोग की कोविड- 19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी को अनसुनी करते हुए चुनावी रैलियों में भारी तादाद में लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए बिना मास्क पहने इकट्ठा हो रहे हैं. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार के भाजपा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, पूर्व केंद्रीय मंत्री और छपरा के सांसद राजीव प्रताप रूडी, गया के सांसद विजय मांझी, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और राज्य के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता कोविड- 19 से पीड़ित हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को डेहरी, गया एवं भागलपुर में और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हिसुआ एवं कहलगांव में जनसभाओं के दौरान कोविड- 19 को लेकर प्रोटोकॉल को बनाए रखा गया था, लेकिन अन्य रैलियों में अति उत्साहित भीड़ द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला प्रशासन को कोविड- 19 को लेकर आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत "उचित और प्रासंगिक दंडात्मक प्रावधानों को लागू करने" का निर्देश दिया था.
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इस तरह की जनसभाओं के उदाहरण आयोग के ध्यान में आए हैं, जहां सामाजिक दूरी का उल्लंघन करते बिना मास्क पहने हुए बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हुई है और राजनीतिक नेता अथवा रैली के आयोजक दिशानिर्देशों की पूरी अवहेलना कर सभा को संबोधित कर रहे हैं। ऐसे मामलों में निर्देशों का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और आयोजकों को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत दो साल तक के कारावास का सामना करना पड़ सकता है.
सैकड़ों लोग अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव सहित शीर्ष नेताओं की रैलियों में शिरकत करते हैं और बिना मास्क पहने रैलियों में स्थान पाने के लिए एक-दूसरे को धक्का देते नजर आते हैं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "लोगों से मास्क नहीं होने के बारे में पूछने पर वे बताते हैं कि मास्क अपने घर पर भूल गए अथवा अपनी जेब में होने और बहुत गर्मी होने की वजह से नहीं पहनने की दलील पेश करते हैं. "
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि रैली स्थलों पर तैनात दंडाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कोविड- 19 मानदंडों को सख्ती से लागू करें, जिसमें मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल है. उन्होंने कहा, "हम चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर सामाजिक दूरी के मापदंड का उल्लंघन करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा."
उन्होंने कहा कि कोविड- 19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन सटीक संख्या साझा करने में असमर्थता व्यक्त की. चुनावी रैलियों को कवर करने वाले ‘पीटीआई—’ के पत्रकारों ने भी पाया कि नेताओं ने मास्क पहन रखा था और एक-दूसरे से उचित शारीरिक दूरी बनाए रखी थी, लेकिन लोग हेलीकॉप्टरों के रैली मैदान में उतरने पर नेताओं के करीब पहुंचने के लिए एक-दूसरे से टकराते दिखे.
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