Paris Olympics 2024: ओलंपिक के रेसलिंग फाइनल में पहुचने वाली भारत की पहली पहलवान बनी विनेश फोगाट, कल भारत के झोली में डाल सकती है गोल्ड
पहलवान विनेश फोगाट ओलंपिक महिला 50 किग्रा कुश्ती के सेमीफाइनल मैच में क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 हराकर पदक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी.
Paris Olympics 2024: पेरिस, छह अगस्त विनेश फोगाट ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई जिन्होंने क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5 . 0 से हराकर पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती स्पर्धा के 50 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतने की ओर कदम रख दिया. इससे पहले उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए अब तक अपराजेय मौजूदा चैम्पियन युई सुसाकी को शिकस्त देने के बाद यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. इसी लय को कायम रखते हुए उन्होंने लोपेज को 5-0 के अंतर से शिकस्त देकर फाइनल का टिकट कटाया. इस स्पर्धा का फाइनल बुधवार को खेला जायेगा और विनेश के सामने अमेरिका की सारा ऐन हिल्डेब्रांड की चुनौती होगी. यह भी पढ़ें: विमेंस फ्रीस्टाइल 50 KG रेसलिंग के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट, क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन को 5- 0 से हराया
विनेश भारत की पहली महिला पहलवान है जो ओलंपिक के किसी वर्ग के फाइनल में पहुंची है. पुरुष वर्ग में सुशील कुमार और रवि दाहिया को ओलंपिक फाइनल खेलना का अनुभव है लेकिन ये दोनों रजत पदक ही जीत पाये थे, ऐसे में विनेश के पास कुश्ती में देश का पहला स्वर्ण पदक विजेता बनने का मौका होगा. विनेश रियो और तोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी.
विनेश अपने शुरुआती मुकाबले से ही शानदार लय में दिखी. उन्होंने शुरुआती दौर में शीर्ष वरीयता प्राप्त सुसाकी को 3-2 से हराकर बड़ा उलटफेर किया. तोक्यो खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और चार बार की विश्व चैंपियन सुसाकी ने इससे पहले अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 82 मुकाबलों में से किसी में भी हार का सामना नहीं किया था. जापान की इस खिलाड़ी को शायद ही इस बात का अंदाजा था कि इन खेलों के पहले मुकाबले में ही उन्हें किस चुनौती का सामना करना है. विनेश ने आखिरी कुछ सेकेंडों में मैच का पासा पलटते हुए 3-2 की यादगार जीत दर्ज की.
उन्होंने इसके बाद क्वार्टर फाइनल में पूर्व यूरोपीय चैंपियन और 2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता लिवाच की चुनौती को 7-5 से खत्म किया. उन्होंने इस लय को सेमीफाइनल में जारी रखते हुए क्यूबा की पहलवान को अंक बनाने का कोई मौका नहीं दिया. लोपेज ने शुरुआती पीरियड में विनेश के पैर पर पकड़ बनाने की कोशिश की लेकिन उनके अतिरक्षात्मक खेल के कारण भारतीय पहलवान को एक अंक की बढ़त बनाने की मौका मिल गया.
शुरुआती पीरियड में बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे पीरियड में आक्रामक शुरुआत की और प्रतिद्वंद्वी पहलवान के दायें पैर पर मजबूत पकड़ के साथ 5-0 की बढ़त बना ली. क्यूबा की पहलवान ने इसके बाद विनेश पर पकड़ बनाने की कोशिश की लेकिन विनेश के शानदार रक्षण के आगे उनका प्रयास विफल हो गया.
अपना तीसरा ओलंपिक खेल रही 29 साल की विनेश इन खेलों में अपने पहले पदक से अब केवल एक जीत दूर है. विनेश के पास ओलंपिक छोड़ हर बड़े खेल का पदक है. इसमें राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण, एशियाई खेल का खिताब, विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य के साथ एशियाई चैम्पियनशिप के आठ पदक शामिल हैं। वह रियो और तोक्यो ओलंपिक में हालांकि पदक नहीं जीत सकी थी.
भारत के राष्ट्रीय कोच वीरेंद्र दहिया ने अंतिम पंघाल के ड्रॉ के लिए रवाना होने से पहले कहा, ‘‘यह एक चमत्कार है, विनेश ने आज जो किया है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है. निशा की चोट के कारण सोमवार का दिन बहुत दुखद था, लेकिन विनेश ने उस दर्द को कुछ कम किया है.’’
जापान की पहलवान के खिलाफ जीत के बाद सिर्फ भारतीय खेमा ही नहीं बल्कि ड्रॉ के इस हाफ में शामिल अन्य पहलवान भी जश्न मना रहे थे.
विनेश के खिलाफ अंतिम आठ में 5-7 की करीबी हार के बाद लिवाच ने कहा, ‘‘विश्व चैंपियन के बाहर होने के बाद, मुझे लगा कि अब मेरे पास बेहतर मौका होगा लेकिन विनेश बहुत मजबूत थी. मैंने पूरा दमखम लगाने की कोशिश की लेकिन मैं कुछ गलतियां भी कर बैठी.’’
सुसाकी के पास विनेश के खिलाफ मुकाबले में आखिरी कुछ सेकेंड से पहले तक 2-0 की बढ़त थी. विनेश अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर आखिरी नौ सेकेंड में जापान की चैम्पियन पहलवान को टेकडाउन कर दो अंक हासिल करने में सफल रही. जापान की टीम ने इसके खिलाफ अपील भी की लेकिन रेफरी ने वीडियो रीप्ले देखने के बाद उसे खारिज कर दिया जिससे विनेश को एक और अंक मिला और उन्होंने 3-2 से जीत हासिल कर ली.
विनेश ने शुरुआती एक मिनट में सुसाकी को पकड़ बनाने का कोई मौका नहीं दिया। सुसाकी हालांकि दूसरे मिनट में बढ़त बनाने में सफल रही. विनेश ने सुसाकी के आक्रमण का अपने मजबूत रक्षण से शानदार जवाब दिया. दूसरे पीरियड में भी सुसाकी विनेश के रक्षण को भेदने में सफल नहीं रही लेकिन उन्होंने एक पेनल्टी अंक हासिल कर 2-0 की बढ़त बना ली.
विनेश ने अपना सर्वश्रेष्ठ आखिरी कुछ सेकेंडों के लिए बचा रखा था और उनके अचानक से अपनाये गये आक्रामक रवैये ने जापान की पहलवान को संभलने का मौका नहीं दिया. विनेश ने इस जीत का जश्न हवा में कूदने के बाद मैट पर बैठ कर बनाया. वह इस दौरान भावुक हो गयी और उन्होंने बेल्जियम के अपने कोच वॉलेर अकोस को गले लगा लिया.
विनेश पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण सिंह शरण पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए काफी समय मैट से दूर बिताया था. विनेश ओलंपिक में पहली बार 50 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश कर रही है। इससे पहले वह 53 किग्रा वर्ग में खेलती थी. क्वार्टर फाइनल में विनेश लिवाच के खिलाफ पहले पीरियड में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे पीरियड की शुरुआत में अपनी बढ़त 4-0 की कर ली.
लिवाच ने भी अंक हासिल कर मैच में वापसी करने की कोशिश की और उन्होंने विनेश की बढ़त को दो अंकों (5-3) तक सीमित कर दिया. विनेश पर इस समय थकान हावी हो रही थी और उन्होंने अपने कोच से पिछले अंक के खिलाफ चैलेंज लेने के लिए कहा. रेफरी ने वीडियो देखने के बाद इसे खारिज कर दिया और विनेश को एक और अंक का खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्हें हालांकि इस दौरान खुद को तरोताजा करने के लिए कुछ सेकेंड मिल गये.
विनेश ने यूक्रेन की पहलवान को बाहर धकेल कर दो अंक हासिल कर अपनी बढ़त को 7-4 कर लिया. लिवाच इसके बाद एक अंक हासिल करने में सफल रही लेकिन यह विनेश को रोकने के लिए काफी नहीं था.सुसाकी के खिलाफ विनेश ने वह कर दिखाया जिसके बारे में शायद कम ही लोगों ने सोचा होगा. ओलंपिक से पहले उन्होंने स्पेनिश ग्रां प्री में भाग लिया था और उसमें जीत दर्ज की थी. इस स्पर्धा में हालांकि शीर्ष पहलवान नहीं थे, फिर भी इससे उन्हें मैट में समय बिताने का मौका मिला.
निशा दहिया सोमवार को महिलाओं के 68 किग्रा में कंधे की चोट के कारण क्वार्टर फाइनल में हार के बाद पहले ही प्रतियोगिता से बाहर हो गई हैं.
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