तिरुवनंतपुरम, 13 अक्टूबर केरल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच जारी टकराव उस समय और बढ़ गया, जब पिनराई विजयन ने रविवार को आरिफ मोहम्मद खान पर, उन पर “जानबूझकर व्यक्तिगत हमले’ करने और राज्य को “बदनाम करने का अभियान” चलाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने खान पर उनके (राज्यपाल के) पत्र का जवाब देने में 27 दिनों की देरी का आरोप लगाने के लिए कटाक्ष भी किया। विजयन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने विधायिका द्वारा पारित विधेयकों पर रोक लगाने की “आदत” पर नाराजगी जताई है।
विजयन ने राज्यपाल को कड़े शब्दों में एक पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने केरल में हो रही किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि के बारे में कहीं भी उल्लेख नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मगर इस बारे में बार-बार सार्वजनिक रूप से फैलाई जा रही “गलत धारणाएं” ‘राज्य और उसके निवासियों को बदनाम करने के लिए लगातार चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा हैं।”
विजयन ने कहा, “मुझे यह कहते हुए खेद है कि आप (राज्यपाल) बार-बार निराधार मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा करके गलती कर रहे हैं, जो पूरी तरह से अनुचित आरोपों के लिए किसी न किसी तरह से समर्थन पाने के इरादे से हैं।”
विजयन ने उन पर जानबूझकर किए गए व्यक्तिगत हमलों पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि सरकार की ओर से छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
इससे पहले, दिन में केरल के राज्यपाल और प्रदेश में सत्तारूढ़ दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच वाकयुद्ध छिड़ा और खान ने पार्टी के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन को ‘जॉनी’ करार दिया। इससे दो दिन पहले, माकपा के वरिष्ठ नेता ने खान को ‘कार्यवाहक राज्यपाल’ बताया था।
राज्य में कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के बारे में सूचना पाने के लिए खान द्वारा मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तलब किये जाने के बाद से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के बीच टकराव चल रहा है।
खान ने यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री विजयन से बात करेंगे।
जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि गोविंदन ने उन्हें ‘कार्यवाहक राज्यपाल’ करार दिया है, तब उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन ‘जॉनियों’ के साथ नहीं उलझूंगा।’’
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