मुंबई, 13 मई भारत के पूर्व कप्तान और मुख्य चयनकर्ता रहे दिलीप वेंगसरकर ने युवाओं को टेस्ट क्रिकेट खेलने और उत्कृष्ट प्रदर्शन की सलाह देते हुए कहा कि पारंपरिक प्रारूप में सफलता खिलाड़ियों को असली सम्मान दिलाती है ।
वेंगसरकर ने कहा कि आजकल माता पिता टी20 लीग से होने वाले आर्थिक फायदे और शोहरत से प्रभावित हो जाते हैं लेकिन युवा खिलाड़ियों का फोकस लाल गेंद के क्रिकेट पर होना चाहिये जिससे उन्हें दूसरे प्रारूपों में भी मदद मिलेगी ।
क्रिकेट कोच ज्वाला सिंह की किताब ‘पाथवे टू क्रिकेटिंग एक्सीलैंस एंड बियोंड’ के विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा ,‘‘ माता पिता आईपीएल, उसकी टीमों और खिलाड़ियों की सफलता से प्रभावित हो जाते हैं ।’’
उन्होंने कहा कि माता पिता बच्चों को बल्लेबाज बनाना चाहते हैं लेकिन हर प्रारूप में गेंदबाजों का समान महत्व है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ गेंदबाजों की सिर्फ आईपीएल ही नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी अहम भूमिका है । वे मैच विनर हो सकते हैं । देश के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलने की कोशिश करो । अगर टेस्ट में अच्छा करोगे तो दूसरे प्रारूपों में भी प्रदर्शन बेहतर होगा ।’’
वेंगसरकर ने कहा ,‘‘ टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर ही आकलन होगा । आईपीएल अच्छा प्रारूप है और इसमें मनोरंजन खूब है लेकिन टेस्ट क्रिकेट सर्वोपरि है ।’’
यशस्वी जायसवाल के कोच रहे ज्वाला सिंह ने कहा ,‘‘ आप कोई भी खेल चुने, उसके तीन स्तंभ होते हैं। पहला खुद खिलाड़ी, दूसरा माता पिता और तीसरा कोच । तीनों के संयुक्त प्रयास जरूरी है और यह किताब इसी के बारे में है ।’’
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