जरुरी जानकारी | भारत में वाहनों की खुदरा बिक्री अक्टूबर में 32 प्रतिशत बढ़कर 28,32,944 इकाई: फाडा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारत में वाहनों की खुदरा बिक्री अक्टूबर में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत बढ़कर 28,32,944 इकाई हो गई। दोपहिया तथा यात्री वाहनों सहित सभी खंडों में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। उद्योग संगठन फाडा ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मुंबई, छह नवंबर भारत में वाहनों की खुदरा बिक्री अक्टूबर में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत बढ़कर 28,32,944 इकाई हो गई। दोपहिया तथा यात्री वाहनों सहित सभी खंडों में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। उद्योग संगठन फाडा ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अक्टूबर 2023 में खुदरा बिक्री 21,43,929 इकाई रही थी।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार, इस वर्ष अक्टूबर में मजबूत वृद्धि की मुख्य वजह मजबूत ग्रामीण मांग रही। खासकर दोपहिया तथा यात्री वाहनों की बिक्री में तेजी और रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि से समर्थन मिला।
यात्री वाहनों की बिक्री 32.38 प्रतिशत बढ़कर 4,83,159 इकाई हो गई, जो अक्टूबर 2023 में 3,64,991 इकाई थी। दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने 36.35 प्रतिशत बढ़कर 20,65,095 इकाई रही जो अक्टूबर 2023 में 15,14,634 इकाई थी। अक्टूबर 2024 में तिपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 11.45 प्रतिशत बढ़कर 1,22,846 हो गई।
फाडा के अनुसार, अक्टूबर में ट्रैक्टर की बिक्री 3.08 प्रतिशत बढ़कर 64,433 इकाई हो गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में 62,542 इकाई थी।
उद्योग संगठन के अनुसार, अक्टूबर में प्रमुख त्यौहारों (नवरात्रि व दिवाली) के एक साथ आने से उपभोक्ता मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। आकर्षक त्यौहारी ‘ऑफर’, नए मॉडल पेश होने और बेहतर उपलब्धता से दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत और मासिक आधार पर 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा, ग्रामीण मांग, अनुकूल मानसून और अच्छी फसल की उम्मीदों ने भी वृद्धि में योगदान दिया।
वहीं यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 32 प्रतिशत और मासिक आधार पर 75 प्रतिशत बढ़ी। यह त्योहारी मांग, बेहतरीन ‘ऑफर’ और नए मॉडल पेश होने से प्रेरित रही।
फाडा समग्र मोटर वाहन उद्योग के निकट भविष्य की वृद्धि को लेकर आशावादी है, खासकर आगामी शादियों को देखते हुए। हालांकि, अत्यधिक ‘स्टॉक’ और आर्थिक प्रतिकूलताओं जैसी संभावित चुनौतियां वर्ष के अंत में बिक्री की गति को प्रभावित कर सकती हैं।
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