देश की खबरें | अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे छात्रों से वरुण गांधी ने अहिंसा का मार्ग अपनाने की अपील की।

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की ‘‘अग्निपथ योजना’’ का विरोध कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को उनसे अहिंसा का मार्ग अपनाने की अपील की।

नयी दिल्ली, 17 जून रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की ‘‘अग्निपथ योजना’’ का विरोध कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को उनसे अहिंसा का मार्ग अपनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि सैनिक बनने की चाह रखने वाले यदि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे तो वह नैतिक रूप से गलत होगा क्योंकि सैनिक की सर्वोच्च प्राथमिकता राष्ट्रीय हित को सुरक्षित रखना है।

उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘आप अपने अधिकारों के लिए जरूर लड़ें लेकिन शांति और सौहार्द्र बनाकर।’’

अग्निपथ योजना के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ स्थानों में इनका प्रदर्शन उग्र और हिंसक भी हो गया।

गांधी ने इस योजना की घोषणा के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार द्वारा भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा 21 से 23 साल किए जाने का उल्लेख करते हुए उम्मीद जताई कि सरकार अच्छे सुझावों को मानेगी।

भाजपा सांसद ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से धैर्य और लोकतांत्रिक मर्यादा बनाए रखने की अपील की और कहा कि वे अधिक से अधिक ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुंचाए।

उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षित भविष्य हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा।’’

अल्पकालिक अवधि के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर सेनाओं में युवाओं की भर्ती की केंद्र सरकार की ‘‘अग्निपथ’’ योजना के विभिन्न प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि इससे युवाओं में और अधिक असंतोष पनपेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र में गांधी ने मांग की थी कि सरकार इस योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ करे। गांधी ने कहा कि देश भर के युवाओं ने इस योजना के प्रावधानों को लेकर उनसे कई सारी शंकाएं और संशय साझा किए हैं।

इस योजना के तहत थल सेना, नौ सेना और वायु सेना में चार साल के लिए नयी भर्तियां होंगी। चार साल के बाद 75 प्रतिशत सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है।

ब्रजेन्द्र

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\