ताजा खबरें | अफ़ग़ानिस्तान में गुरुद्वारों पर हमलों सहित विभिन्न मुद्दे उठाये गए रास में

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में बुधवार को आम आदमी पार्टी के हरभजन सिंह ने अफ़ग़ानिस्तान में गुरुद्वारों पर हमलों का मुद्दा उठाया ओर सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की ।

नयी दिल्ली, तीन अगस्त राज्यसभा में बुधवार को आम आदमी पार्टी के हरभजन सिंह ने अफ़ग़ानिस्तान में गुरुद्वारों पर हमलों का मुद्दा उठाया ओर सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की ।

शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सिंह ने कहा कि गुरुद्वारों पर किए गए इन हमलों ने दुनिया में हर सिख की भावनाओं को आहत किया है।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कोविड काल में गुरुद्वारों ने ऑक्सीजन से ले कर दवा और भोजन तक, हर जरूरत पूरी की है। उन्होंने कहा कि देश की स्वाधीनता से ले कर आज़ादी के बाद तक, हर क्षेत्र में सिख अपनी बहादुरी, मेहनत, साहस के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, ''ऐसे में हमारे गुरुद्वारों पर किए गए हमले हमें आहत करते हैं।''

सिंह ने कहा कि 18 जून को काबुल में गुरुद्वारा कार्ते परवन में हमला हुआ जिसमें दो लोगों की मौत हुई और कई घायल हो गए। उन्होंने कहा कि इससे पहले 25 मार्च को रायसाहब गुरुद्वारे पर हमला हुआ, दो दिन बाद इसी गुरूद्वारे पर पुनः हमला हुआ। इन हमलों में भी लोग मारे गए।

उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में दो लाख से अधिक हिंदू ओर सिख अफ़ग़ानिस्तान में रहते थे लेकिन अब यह संख्या बहुत कम हो हो गई है ।

उन्होंने सरकार से मांग की कि इस दिशा में समुचित ध्यान दिया जाना चाहिए।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के ही संजय सिंह ने कहा ‘‘रेलवे को माल ढुलाई से मुख्य तौर पर आय होती है। इस काम के लिए श्रमिक पीढ़ी दर पीढ़ी काम कर रहे हैं। लेकिन ठेकेदार इन श्रमिकों का हर तरह से शोषण करते हैं। कई बार इन श्रमिकों को ठेकेदार मजदूरी भी नहीं देते।’’

उन्होंने कहा कि रेलवे के मालभाड़े को बढ़ाने के लिए जो श्रमिक माल गोदामों में अथक परिश्रम करते हैं, उनका ठेकेदारों द्वारा शोषण रोका जाना चाहिए।

भाकपा के संदोष कुमार पी ने दवाओं से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 355 दवाओं को देश में आवश्यक दवाओं की सूची में डाला गया है, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए इन्हें खरीद पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा ‘‘सरकार को एक ऐसी मेडिकल नीति बनानी चाहिए जिससे आवश्यक दवाएं सभी लोगों को किफायती दामों पर मिल सकें।’’

उन्होंने मांग की कि स्वास्थ्य बजट भी बढ़ाया जाना चाहिए।

कांग्रेस की डॉ अमी याग्निक ने देश में कैंसर के बढ़ते मामलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज देश में हर 13वां व्यक्ति कैंसर का मरीज है ओर इस बीमारी का उपचार भी बहुत महंगा है।

उन्होंने कहा कि कैंसर मरीजों के लिए अवसंरचना के क्षेत्र में और अधिक निवेश किया जाना चाहिए चाहे वह कीमोथैरेपी के लिए हो या रेडियोथैरेपी के लिए हो। उन्होंने कहा कि इसका इलाज भी किफायती होना चाहिए क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि करीब छह करोड़ लोग इस बीमारी के इलाज की वजह से गरीबी की रेखा के नीचे आ गए।

कांग्रेस के ही राजामणि पटेल ने मनरेगा से जुड़ा मुद्दा उठाया।

भाजपा के डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा गरीब सवर्णों को आरक्षण में अधिकतम आयुसीमा में पांच साल की छूट दी जानी चाहिए।

इसी दल की सरोज पांडे ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित भारत एल्युमिनियम कंपनी के संयंत्र का मुद्दा उठाया और इसमें अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की।

इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस के लुइजिन्हो जोएक्विम फालेयरो, डॉ शांतनु सेन, कांग्रेस की रजनी अशोकराव पाटिल, आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह, भाकपा सदस्य विनय विश्वम, भाजपा के नारायण कोरागप्पा ने भी शून्यकाल के तहत अपने अपने मुद्दे उठाये।

इसके बाद द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, निर्दलीय अजित कुमार भुयन, बीजद के मानस रंजन मंगराज, भाजपा के कैलाश सोनी, द्रमुक की डा कनिमोझी एमवीएम सोमू ने विशेष उल्लेख के जरिये लोकमहत्व से जुड़े अपने अपने मुद्दे उठाए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\