देश की खबरें | उत्तराखंड : कोटद्वार में तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव शुरू
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बर्ड वॉचिंग (पक्षी अवलोकन) को पर्यटन से जोड़ने की संभावनाओं के मद्देजनर शुक्रवार से यहां पक्षी महोत्सव शुरू हुआ।
कोटद्वार (उत्तराखंड), तीन फरवरी बर्ड वॉचिंग (पक्षी अवलोकन) को पर्यटन से जोड़ने की संभावनाओं के मद्देजनर शुक्रवार से यहां पक्षी महोत्सव शुरू हुआ।
पौड़ी जिला प्रशासन और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस तीन दिवसीय महोत्सव में देश-विदेश के पक्षी प्रेमियों के आने की संभावना है।
उत्तराखंड में पक्षियों की लगभग 800 प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से 450 से अधिक पौड़ी के कोटद्वार के निकट लैंसडाउन वन प्रभाग, कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के कुछ हिस्से और रिखणीखाल की मंदाल घाटी में मिलती है।
कोटद्वार के जंगलों में रेल बिल्ड लियो थ्रेक्स, स्लेटी ब्लू फ्लाई कैचर, ग्रेट बिल्स टीसया, हिमालयन रुबीथ्रोट, ब्राउन डिपर, रूफर्स जार्जेट फ्लाई कैचर, ग्रे हेडड फ्लाई कैचर, ब्राउन हेडड बारबेट, स्पाटेड फ्राक टेल, ग्रेट हॉर्नबिल, ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल्स, किंगफिशर की छह प्रजातियां, फिश ईगल, पलाश ईगल, इंडियन स्कॉप्स आउल, क्रिमिसन सन बर्ड, नटहैच सहित पक्षियों की कई प्रजातियां आसानी से देखी जाती हैं।
पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान के साथ पक्षी महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कोटद्वार की विधायक तथा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि क्षेत्र में चिड़ियों का एक बड़ा संसार है और विश्व में बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी हैं और दोनों को साथ लाने के लिए यह आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि महोत्सव का आयोजन पांच साल बाद हो रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य इसे पर्यटन से जोड़ना है ताकि क्षेत्र के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो और लोगों को रोजगार मिले।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोटद्वार और उसके आस पास के क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी पाए जाने की जानकारी मिलते ही इसे पर्यटन से जोड़ने के लिए यह कार्यक्रम किया गया है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां पक्षी संग्रहालय बनाया जाएगा ताकि क्षेत्र में आने वाले पर्यटक चिड़ियों के संसार को पहचान सकें।
नेचर गाइड और बर्ड वॉचर के रूप में काम करने वाले बीरू नेगी और आलोक नेगी ने कहा कि पक्षियों की जानकारी और उनके साथ लगाव रखने वाला कोई भी युवा इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकता है और आजीविका कमा सकता है। उन्होंने बताया कि विगत बारह सालों से वे यही काम करके अपनी जीविका चला रहे हैं।
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