उत्तरकाशी, 21 नवंबर : पिछले नौ दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों तक छह इंच की पाइपलाइन के जरिए खिचड़ी भेजने के कुछ घंटों बाद बचावकर्मियों ने मंगलवार को तड़के उन तक एक कैमरा भेजा और उनके सकुशल होने का पहला वीडियो जारी किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुन: फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली . इस बीच, अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालकर 'एस्केप पैसेज' बनाने का काम तीन दिन बाद फिर शुरू हो गया . आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोमवार देर शाम दिल्ली से एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा आने के बाद इसे सुरंग के अंदर भेजा गया. उन्होंने कहा कि जारी किये गये वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. यह इन श्रमिकों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है.
इस बीच, मलबे को आर-पार भेदकर डाली गयी 53 मीटर लंबी छह इंच व्यास वाली पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी. खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया. सुरंग में चलाए जा रहे बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि इस पाइपलाइन से दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जा सकते हैं. बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए हैं. इससे पहले, चार इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक भोजन, पानी, दवाइयां और आक्सीजन भेजी जा रही थी . श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के तहत भारतीय वायुसेना ने एक सी-17 और दो सी-130जे सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान से 36 टन वजनी मशीनें पहुंचा दी हैं . यह भी पढ़ें : वीर दास ने सर्वश्रेष्ठ हास्य सीरीज के लिए पहला एम्मी पुरस्कार जीता, सम्मान देश को समर्पित किया
मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को छह इंच व्यास की पाइपलाइन के सफलतापूर्वक मलबे के आरपार डाले जाने एवं इसके माध्यम से भोजन एवं अन्य आवश्यक सामान श्रमिकों तक पहुंचाने के बारे में अवगत कराया . धामी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी को श्रमिक बंधुओं से एंडोस्कोपिक फलैक्सी कैमरे की मदद से हुई बातचीत एवं उनकी कुशलता की भी जानकारी दी .’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है . बारह नवंबर को दीवाली वाले दिन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें श्रमिकों के फंसने के बाद से प्रधानमंत्री ने चौथी बार मुख्यमंत्री से बात की है .
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग की ओर से 'एस्केप पैसेज' बनाने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग फिर शुरू कर दी गयी है . शुक्रवार को दोपहर में ड्रिलिंग के दौरान किसी कठोर सतह से टकराने के बाद जबरदस्त आवाज आने के बाद कार्य रोक दिया गया था . इसमें मशीन को भी नुकसान पहुंचा था . दिल्ली से आई अभियांत्रिकी टीम ने इस मशीन के कलपुर्जे बदले जिसके बाद इससे काम शुरू हो गया . काम रूकने से पहले यह मशीन मलबे में ड्रिलिंग कर 22 मीटर पाइप डाल चुकी थी . सूत्रों ने बताया कि मशीन से हो रहे कंपन को रोकने के लिए अब 900 मिमी व्यास के स्थान पर 800 मिमी व्यास के पाइपों का उपयोग किया जा रहा है . श्रमिकों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछने वाले चिकित्सक प्रेम पोखरियाल ने बचावकर्मियों को सलाह दी है कि मंगलवार को उन्हें भोजन में मूंग दाल की खिचड़ी भेजी जाए जिसमें सोया बड़ी और मटर शामिल हों. इसके अलावा उन्होंने केला भेजने की भी सलाह दी है.