विदेश की खबरें | ‘यूएसएस रोनाल्ड रीगन’ ने दक्षिण कोरियाई युद्धपोतों के साथ फिर से नौसैनिक अभ्यास किया शुरू
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

उत्तर कोरिया के और अधिक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण करने और उसके युद्धक विमानों के दक्षिण कोरिया की सीमा के पास उड़ान भरने के एक दिन बाद यह अभ्यास शुरू किया गया है। इससे दोनों के बीच पहले से ही व्यापत तनाव के और बढ़ने की आशंका है।

इससे पहले, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के नौसन्य पोतों के युद्धाभ्यास के खिलाफ इस सप्ताह की शुरुआत में एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी जो जापान के ऊपर से गुजरते हुए प्रशांत महासागर में जा गिरी थी। इसके बाद रीगन और उसके बल कोरियाई प्रायद्वीप के पास समुद्री क्षेत्र में लौट आए थे।

उत्तर कोरिया, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के ऐसे अभ्यासों को युद्ध का पूर्वाभ्यास बताता है।

दक्षिण कोरिया के ‘‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’’ ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को शुरू हुए इस दो दिवसीय नौसैनिक अभ्यास में अमेरिका और दक्षिण कोरिया के विध्वंसक और अन्य पोत भी शामिल हैं। यह अभ्यास प्रायद्वीप के पूर्वी तट में अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में किया जा रहा है। अभ्यास का उद्देश्य सहयोगियों की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है। इसमें दक्षिण कोरिया के दक्षिणी द्वीप जेजू की रक्षा करने के लिए रीगन का प्रशिक्षण भी किया जाएगा।

बयान में कहा गया, ‘‘हम उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखेंगे।’’

दक्षिण कोरिया की सेना ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उत्तर कोरिया के आठ लड़ाकू विमान और चार बम गिराने वाले विमानों ने उसकी सीमा के पास उड़ान भरी। ऐसा जान पड़ता है कि उत्तर कोरियाई विमानों ने हवा से सतह पर गोलीबारी करने का अभ्यास किया।

सेना के अनुसार, उत्तर कोरियाई की इस कार्रवाई के खिलाफ दक्षिण कोरिया ने अपने 30 युद्धक विमान तैनात किए हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)